प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जून को क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब में कदम रखते ही इतिहास रच दिया। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा है, जिसे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत खुद क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच ने एयरपोर्ट पर किया, जिससे इस यात्रा का महत्व और बढ़ गया। क्रोएशिया यूरोपीय संघ का सदस्य देश है और बाल्कन क्षेत्र में भारत का अहम साझेदार बनता जा रहा है।
A short while ago, landed in Zagreb, Croatia. This is a special visit, the first ever by an Indian Prime Minister to a valued European partner. I am grateful to Prime Minister Andrej Plenković for the special gesture of welcoming me at the airport.@AndrejPlenkovic pic.twitter.com/1qlA8sca1V
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2025
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और क्रोएशिया के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, संस्कृति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करना है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा और ऊर्जा सुरक्षा जैसे रणनीतिक मुद्दों पर खास जोर दिया गया। भारत क्रोएशिया के साथ रक्षा तकनीक, साइबर सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और विज्ञान के क्षेत्र में साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाना चाहता है, जिससे यूरोप में भारत की रणनीतिक उपस्थिति और मजबूत हो सके।
क्रोएशिया की यह यात्रा यूरोपीय संघ के साथ भारत के रिश्तों को भी नई दिशा देती है, क्योंकि क्रोएशिया यूरोपीय संघ का सक्रिय सदस्य है। इससे भारत को यूरोपीय बाजारों तक बेहतर पहुंच, निवेश के नए अवसर और वैश्विक मंचों पर समर्थन मिलने की संभावना बढ़ती है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान सांस्कृतिक संबंधों को भी विशेष महत्व मिला। ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ने वाले छात्रों का उत्साह, भारतीय संस्कृति और भाषा के प्रति क्रोएशिया में बढ़ती रुचि का प्रमाण है।
क्रोएशिया के लिए भी यह यात्रा गौरव का विषय है। वहां के नागरिक पीएम मोदी को वैश्विक नेता मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस यात्रा से क्रोएशिया को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी। दोनों देशों के बीच पर्यटन, शिक्षा, विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में सहयोग के नए रास्ते खुलेंगे।
इस ऐतिहासिक दौरे ने भारत-क्रोएशिया संबंधों को न केवल मजबूती दी है, बल्कि यूरोप में भारत की रणनीतिक स्थिति को भी सशक्त किया है। यह यात्रा भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और वैश्विक कूटनीति में बढ़ती भूमिका का भी प्रतीक है।