अहमदाबाद के चंडोला तालाब क्षेत्र में 20 मई 2025 से देश के सबसे बड़े और संगठित बुलडोजर अभियान का दूसरा चरण शुरू हो गया है। यह कार्रवाई अवैध कब्जों, खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों के अवैध निर्माणों को हटाने के लिए की जा रही है। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने इस अभियान को राज्य का अब तक का सबसे बड़ा अतिक्रमण विरोधी ऑपरेशन बताया है।
अभियान की प्रमुख बातें
बड़ी मशीनरी की तैनाती:
60 से अधिक जेसीबी, 40 क्रेन और 50 से ज्यादा बुलडोजर लगातार काम में लगे हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
लगभग 3,000 पुलिसकर्मी और 25 स्टेट रिजर्व पुलिस (SRP) कंपनियां मौके पर तैनात हैं, ताकि किसी भी विरोध या हिंसा से निपटा जा सके।
अभियान का दायरा:
इस बार 2.5 लाख वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में फैले अवैध निर्माणों को हटाया जा रहा है। तीन दिन में करीब 8,000 घर और अन्य ढांचे तोड़े जाएंगे।
पहला चरण:
अप्रैल के अंत में पहले चरण में 1.5 लाख वर्ग मीटर जमीन को कब्जे से मुक्त कराया गया था और 3,000 से अधिक अवैध निर्माण तोड़े गए थे।
प्रशासन की तैयारी और उद्देश्य
नगर निगम और पुलिस ने पहले ही पूरे इलाके का सर्वे कर अवैध निर्माणों की पहचान कर ली थी। प्रशासन का लक्ष्य है कि चंडोला तालाब क्षेत्र को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कर सार्वजनिक भूमि को पुनः विकसित किया जाए। पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक के अनुसार, अब तक 250 से ज्यादा बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है, जिनमें से 200 से अधिक को डिपोर्ट भी किया जा चुका है।
सामाजिक और सुरक्षा पहलू
यह इलाका ‘मिनी बांग्लादेश’ के नाम से भी जाना जाने लगा था, क्योंकि यहां बड़ी संख्या में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिक रह रहे थे। प्रशासन ने इस क्षेत्र से अल-कायदा मॉड्यूल से संदिग्ध संबंध रखने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया है।
अहमदाबाद में चल रहा यह बुलडोजर तांडव न सिर्फ शहर के शहरी विकास और सार्वजनिक भूमि की सुरक्षा के लिए अहम है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी एक बड़ा संदेश है। प्रशासन की सख्ती और बड़े पैमाने पर कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि अब अवैध कब्जों और घुसपैठियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है।
यह कार्रवाई पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से और कानून के दायरे में की जा रही है, ताकि शहर का विकास और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित किए जा सकें।
— डीसीपी रवि मोहन सैनी