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सरहद पर पांच सुराख

श्रीगंगानगर। उत्तरी राजस्थान के श्रीगंगानगर सेक्टर की 186 किलोमीटर लम्बी पाकिस्तान से सटी अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित पांच चौकियों को घुसपैठियों ने अपना “टारगेट” बना रखा है। कम से कम आंकड़ें तो यही खुलासा करते है। बीते एक साल के दौरान आधा दर्जन से अधिक घुसपैठियों को मार गिराने और इससे अधिक जिंदा पकड़ लेने के बावजूद घुसपैठ का सिलसिला थम नहीं रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले साल में बीएसएफ ने एक दर्जन से अधिक घुसपैठिए पकड़े व मार गिराए। अनूपगढ़ व घड़साना उपखण्ड की मजनूं चैकपोस्ट सहित बीएसएफ की पांच ऎसी चौकियां हैं जहां से लगातार घुसपैठ के प्रयास हुए हैं। इसके पीछे सीमा से सटे इलाके में खड़े जंगल को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।

यह है सुरक्षा चक्र
अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर श्रीगंगानगर सेक्टर में सुरक्षा के लिए बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं। सीमा पर तारबंदी है। बॉर्डर की सुरक्षा के लिए पुलिस थाने हैं, जिनमें आपराधिक मामले अधिक नहीं होने पर भी बॉर्डर एरिया के दृष्टिगत निरीक्षक स्तर के प्रभारी लगाए हुए हैं। इनके अलावा खुफिया एजेंसियों के दर्जनों अघिकारी-कर्मचारी बॉर्डर एरिया की हर गतिविधि पर नजर रखते हैं।
सर्दी में अधिक
अब तक घुसपैठ की वारदातों पर नजर डालें तो सामने आया है कि सर्दी में घुसपैठ के प्रयास अधिक होते हैं। इसका कारण कोहरे के साथ रबी की फसल को भी माना जाता है। घुसपैठिए सर्द रात में अंधेरे व कोहरे का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं।
महफूज है सीमा
उत्तरी राजस्थान से सटी अन्तरराष्ट्रीय सीमा पूरी तरह महफूज है। श्रीगंगानगर सेक्टर के कुछ स्थानों को घुसपैठिए आसान टारगेट मानकर भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास करते हैं। बीते एक साल के दौरान बड़ी संख्या में घुसपैठियों को बीएसएफ के जवानों ने मार गिराया या जिंदा पकड़ लिया, जो हमारी सतर्कता को जाहिर करती है। -सी.आर. चौहान, उप महानिरीक्षक, सीमा सुरक्षा बल
दिनेश स्वामी, Rajasthan Patrika

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