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शिक्षा का लक्ष्य केवल अर्थार्जन नहीं, वरन मानवीय मूल्यों की रक्षा करना है : मोहन भागवत

शिक्षा का लक्ष्य केवल अर्थार्जन नहीं, वरन मानवीय मूल्यों की रक्षा करना है : मोहन भागवत

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बेंगलुरु, मई 1 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत ने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल अर्थार्जन नहीं है, बल्कि
मानवीय मूल्यों की रक्षा का धर्म निभाने के लिए होना चाहिए। डॉ.भागवत
चन्नेनाहल्ली (बंगलुरु) स्थित जनसेवा विद्या केन्द्र के नए छात्रावास के
भूमि पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
संघ
प्रमुख ने कहा कि शिक्षा द्वारा प्रत्येक मनुष्य के अन्दर राष्ट्रीय
विचारों का निर्माण होना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को अपने देश की स्थिति के
बारे में जागरूक रहना चाहिए। डॉ.भागवत ने कहा कि एकांत में आत्मदर्शन की
साधना और लोकान्त में सेवा और परोपकार करना
, यह विश्व के जीवन को धारण करनेवाला सफल जीवन माना जाता है। इसलिए हमारी शिक्षा राष्ट्रीय अवधारणाओं पर आधारित होना चाहिए, तथा प्रत्येक व्यक्ति को अपने निहित धर्म के लिए कर्तव्य पालन का विचार करना होगा।   

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इस
अवसर पर आदिचुंचनागिरी मठ के स्वामी निर्मलानन्दनाथ ने संबोधित करते हुए
कहा कि जिस तरह हम ऊंची इमारत खड़ा करने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं
, उसी
तरह हमें प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने पर ध्यान देना चाहिए।
मनुष्य का व्यक्तित्व जितना उन्नत होगा वह राष्ट्र की समृद्धि के लिए
सहायक होगा। 
स्वामीजी
ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि धर्म का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं
किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति किसी राजनीतिक दल में जाता है अथवा वह
किसी दूसरे दल में जाता है तो इससे उसका धर्म नहीं बदल जाता। कोई भी
व्यक्ति किसी भी देश
, राजनीतिक दल, संस्थान या संगठन में हो सकता है, पर उसका धर्म नहीं बदलता।  

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इस अवसर पर जनसेवा विश्वस्त मंडल के ट्रस्टी वाईके राघवेन्द्र राव, उद्योगपति
श्रीनिवास गुप्ता तथा जनसेवा विद्या केन्द्र के अध्यक्ष सुब्बाराम शेट्टी
व्यासपीठ पर विराजमान थे। इस समारोह में अनेक शिक्षाविदों
, उद्योगपतियों
के साथ ही जनसेवा विद्या केन्द्र के पूर्व विद्यार्थी भी विशेष रूप से
उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि संघ प्रेरित शिक्षा संसथान जनसेवा विद्या
केन्द्र की स्थापना 1970 में की गई। संघ प्रेरित इस आवासीय विद्यालय में
पूरे कर्नाटक से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। संघ के चौथे सरसंघचालक
प्रोफ़ेसर रज्जू भैया ने 1995 में पुराने छात्रावास की नींव रखी थी।
इस अवसर पर जनसेवा विश्वस्त मंडल के ट्रस्टी वाईके राघवेन्द्र राव, उद्योगपति
श्रीनिवास गुप्ता तथा जनसेवा विद्या केन्द्र के अध्यक्ष सुब्बाराम शेट्टी
व्यासपीठ पर विराजमान थे। इस समारोह में अनेक शिक्षाविदों
, उद्योगपतियों
के साथ ही जनसेवा विद्या केन्द्र के पूर्व विद्यार्थी भी विशेष रूप से
उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि संघ प्रेरित शिक्षा संसथान जनसेवा विद्या
केन्द्र की स्थापना 1970 में की गई। संघ प्रेरित इस आवासीय विद्यालय में
पूरे कर्नाटक से छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। संघ के चौथे सरसंघचालक
प्रोफ़ेसर रज्जू भैया ने 1995 में पुराने छात्रावास की नींव रखी थी।
  
साभार:http://hn.newsbharati.com
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