भूगोल और जनसांख्यिकी
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जो देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इसकी सीमाएँ ईरान, अफगानिस्तान और अरब सागर से मिलती हैं।
यहाँ की आबादी बहुत कम है। मुख्य जातीय समूह बलूच हैं, साथ ही पश्तून और ब्राहुई भी रहते हैं।
Balochistan is a country bigger than Germany, it is called the museum of minerals, has a 10,000 years old civilization and its peace is peace loving, and moderate and secular muslims.
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) May 11, 2025
Having relations with Balochistan on state to state will help the world overcome 77 years of…
हाल की घटनाएँ (मई 2025)
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA), जो एक अलगाववादी उग्रवादी संगठन है, ने हाल ही में 39 से अधिक स्थानों पर हमले किए हैं इसके अतिरिक्त 51 से अधिक स्थानों पर समन्वित हमलों की जिम्मेदारी ली है। इन हमलों में पुलिस थानों, सैन्य काफिलों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया।
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में 51 से अधिक स्थानों पर समन्वित हमलों की जिम्मेदारी ली है। इन हमलों में पुलिस थाने, सैन्य काफिले, खुफिया केंद्र और खनिज परिवहन वाहनों को निशाना बनाया गया।
BLA के मुताबिक, इन हमलों का उद्देश्य सिर्फ नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि भविष्य के संगठित युद्ध के लिए सैन्य समन्वय और तैयारी की परीक्षा लेना था।
BLA के ‘फतेह स्क्वाड’ ने कलात जिले के मंगोचर शहर पर भी अस्थायी नियंत्रण कर लिया था, हाईवे ब्लॉक किए और पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लिया गया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
हमलों की श्रृंखला में पुलिस स्टेशनों पर कब्जा, मुख्य सड़कों पर नाकेबंदी, और सैन्य काफिलों पर हमले शामिल थे।
इसके अलावा, हाल ही में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच लड़ाकों ने दक्षिण वज़ीरिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर हमले किए, जिसमें 22 सैनिक मारे गए।
यह घटनाक्रम बलूचिस्तान की आज़ादी और संसाधनों पर नियंत्रण की मांग को लेकर संघर्ष में बड़ी बढ़ोतरी है।
स्वतंत्रता की घोषणा
9 मई 2025 को बलूच कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने बलूचिस्तान की पाकिस्तान से स्वतंत्रता की घोषणा की और अंतरराष्ट्रीय मान्यता की मांग की।
अभी तक किसी भी देश या अंतरराष्ट्रीय संगठन ने इस घोषणा को मान्यता नहीं दी है। स्थिति लगातार बदल रही है।
रणनीतिक महत्व
बलूचिस्तान प्राकृतिक संसाधनों (गैस, कोयला, तांबा, सोना) से समृद्ध है और यहाँ ग्वादर बंदरगाह है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इतने संसाधनों के बावजूद, प्रांत में विकास की कमी है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और पुनः शीघ्र स्वतंत्र होने की भावना बढ़ी है।