IMF ने पाकिस्तान के $7 अरब लोन प्रोग्राम पर कुल 50 कड़ी शर्तें लगा दी हैं, जिनमें नया बजट पास करना, बिजली बिल पर सरचार्ज बढ़ाना और पुरानी कारों के आयात पर पाबंदी हटाना शामिल है।
IMF ने हाल ही में पाकिस्तान को सिर्फ $1 अरब की किस्त जारी की, लेकिन बाकी लोन को सख्त आर्थिक और प्रशासनिक सुधारों से जोड़ा है। IMF ने चेतावनी दी कि भारत-पाक तनाव बढ़ा तो पाकिस्तान के वित्तीय हालात और बिगड़ सकते हैं।
भारत ने IMF के इस फैसले का विरोध किया था, खासकर आतंकवाद के लिए फंड के दुरुपयोग और पाकिस्तान की सुधार न करने की आदत को लेकर। हालांकि IMF बोर्ड में भारत का प्रभाव सीमित है, इसलिए IMF ने पाकिस्तान को लोन देना जारी रखा।
बांग्लादेश के मामले में IMF ने अगली लोन किस्त रोक रखी है, क्योंकि ढाका सरकार राजस्व सुधार और मुद्रा विनिमय दर में लचीलापन लाने पर सहमत नहीं हुई। IMF ने बांग्लादेश को “आखिरी मौका” देते हुए सख्त सुधारों की मांग की है।
भारत के रणनीतिक हलकों में चर्चा है कि IMF में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बांग्लादेश के लोन पर भी रोक लगाने की कोशिश की जाए, खासकर अगर बांग्लादेश भारत-विरोधी गतिविधियों में शामिल रहता है या चीन-पाकिस्तान के करीब जाता है।
IMF की प्रमुख शर्तें (2025)
1. नया बजट पास करना: पाकिस्तान को जून 2025 तक संसद से 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (लगभग $63 अरब) का नया बजट पास कराना होगा, जिसमें 1.07 ट्रिलियन रुपये विकास खर्च के लिए हैं।
2. बिजली बिल पर सरचार्ज बढ़ाना: कर्ज चुकाने के लिए बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त सरचार्ज लगाया जाएगा।
3. पुरानी कारों के आयात पर पाबंदी हटाना: तीन साल से ज्यादा पुरानी इस्तेमाल की गई कारों के आयात पर लगी रोक हटानी होगी।
4. कृषि आयकर कानून: सभी चार प्रांतों को नया कृषि आयकर कानून लागू करना होगा, जिसमें टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन, रिटर्न प्रोसेसिंग और डिजिटल प्लेटफॉर्म से अनुपालन सुनिश्चित करना शामिल है।
5. गवर्नेंस एक्शन प्लान: IMF की गवर्नेंस डायग्नोस्टिक रिपोर्ट के आधार पर कमज़ोरियों को दूर करने के लिए सार्वजनिक गवर्नेंस एक्शन प्लान प्रकाशित करना होगा।
6. नकद हस्तांतरण योजना में महंगाई के अनुसार वृद्धि: गरीबों के लिए नकद सहायता (cash transfer) में सालाना महंगाई के अनुसार वृद्धि करनी होगी।
7. वित्तीय क्षेत्र रणनीति: 2028 से लागू होने वाली दीर्घकालिक वित्तीय क्षेत्र सुधार रणनीति बनानी होगी।
8. रक्षा बजट पर निगरानी: IMF ने रक्षा बजट में बढ़ोतरी पर चिंता जताई है और इसे फिक्स्ड लिमिट में रखने की शर्त जोड़ी है।
9. आर्थिक सुधारों की सार्वजनिक घोषणा: सभी सुधारों और नीतिगत बदलावों की सार्वजनिक घोषणा और समयसीमा तय करनी होगी।
IMF ने पाकिस्तान पर अभूतपूर्व सख्ती दिखाई है और बांग्लादेश के लोन को भी सख्त शर्तों से जोड़ा है। भारत IMF में अपनी आवाज़ को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है ताकि पड़ोसी देशों को बिना सख्त सुधारों के राहत न मिले। इन 11 नई शर्तों सहित कुल 50 शर्तें लागू हैं, जिनका पालन किए बिना पाकिस्तान को IMF का $7 अरब लोन नहीं मिलेगा।