Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

सिंधु जल संधि पर भारत-पाकिस्तान टकराव: पाकिस्तान ने मांगी अमेरिका की मदद, भारत ने चिनाब पर 8 नए डैम को दी मंजूरी

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को लेकर तनाव चरम पर है। हाल ही में भारत द्वारा संधि को स्थगित करने और चिनाब नदी पर 8 नए डैम की मंजूरी के बाद, पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप की मांग की है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने भारत से संधि बहाल करने की अपील की है।

पाकिस्तान की अमेरिका से मदद की गुहार
पाकिस्तान का कहना है कि भारत द्वारा संधि को सस्पेंड करने से देश के 24 करोड़ लोगों की आजीविका और क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में पड़ गई है। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में अमेरिका में अधिकारियों से मुलाकात कर कहा कि भारत की एकतरफा कार्रवाई से पाकिस्तान में पानी का संकट गहरा गया है और यह पूरे क्षेत्र की शांति के लिए खतरा है। पाकिस्तान ने अमेरिका से संधि की बहाली के लिए दखल देने की मांग की है, साथ ही यह भी कहा कि भारत किसी भी तटस्थ जांच या वार्ता के लिए तैयार नहीं है।

भारत की रणनीति: चिनाब पर 8 नए डैम
भारत ने सिंधु जल संधि के निलंबन के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में चिनाब और झेलम जैसी पश्चिमी नदियों पर पनबिजली परियोजनाओं की रफ्तार तेज कर दी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने चिनाब नदी पर 8 नए डैम और पनबिजली परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें 1 GW का पाकल डुल प्रोजेक्ट, 800 MW बर्सर, 260 MW दुलहस्ती-II, 1856 MW स्वालकोट, 240 MW उरी स्टेज-II और 930 MW किर्थाई-II शामिल हैं। इन परियोजनाओं के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर को 4000 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलेगी और भारत को पश्चिमी नदियों के जल संसाधनों पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा। भारत ने हाल ही में बगलीहार डैम के गेट भी खोले हैं, जिससे चिनाब के बहाव को मैनेज किया जा सके और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि भारत जल प्रवाह को नियंत्रित करने में सक्षम है।

संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया है और संधि बहाल करने की मांग की है। भारत ने UN में दो टूक कहा कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को “विश्वसनीय और स्थायी रूप से” बंद नहीं करता, तब तक सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी। भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने दशकों तक संधि की भावना का उल्लंघन किया है और अब संधि की शर्तें वर्तमान हालात और भारत की जरूरतों के अनुकूल नहीं रहीं।

निष्कर्ष
सिंधु जल संधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। पाकिस्तान जहां अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र से मदद मांग रहा है, वहीं भारत ने अपने हितों की रक्षा के लिए पश्चिमी नदियों के जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग शुरू कर दिया है। 

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top