भारत ने लद्दाख के रणनीतिक क्षेत्रों में अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई बड़े सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। ये कदम खासतौर पर चीन सीमा के पास तैनाती और जवाबी कार्रवाई की क्षमता को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं।
लद्दाख स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ ने श्योक नदी के पास नई मिसाइल यूनिट्स और एक फॉरवर्ड एविएशन बेस की स्थापना को मंजूरी दी है। इससे सियाचिन ग्लेशियर जैसे संवेदनशील इलाकों में एयर ऑपरेशन, हेलिकॉप्टर मिशन और निगरानी की क्षमता बढ़ेगी।
रणनीतिक स्थानों पर नई फॉर्मेशन एम्युनिशन डिपो (गोला-बारूद भंडारण) बनाए जा रहे हैं, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों को तुरंत सप्लाई मिल सकेगी और प्रतिक्रिया समय कम होगा।
इन परियोजनाओं में इन्फैंट्री बटालियन कैंप, आर्टिलरी रेजिमेंट पोस्ट, मोबाइल टेलीकॉम टावर और दौलत बेग ओल्डी (DBO), चुशूल जैसे अग्रिम चौकियों तक बेहतर सड़क संपर्क भी शामिल है।
ये फैसले गलवान संघर्ष और चीन की ओर से लगातार हो रहे सैन्य निर्माण के बाद लिए गए हैं। इनका उद्देश्य लद्दाख के संवेदनशील इलाकों में भारतीय सेना की त्वरित तैनाती, मजबूत लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशनल रेडीनेस को सुनिश्चित करना है।