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रूस की सबसे बड़ी एलपीजी कंपनी ने भारत को फिर शुरू की आपूर्ति, घरेलू बाजार को मिलेगी राहत

रूस की सबसे बड़ी तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) उत्पादक कंपनी सिबुर ने भारत को एलपीजी की आपूर्ति एक बार फिर शुरू कर दी है। बीते कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भू-राजनीतिक बदलावों और यूरोपीय संघ की सख्त पाबंदियों के चलते सिबुर ने अपने निर्यात का रुख भारत और अन्य एशियाई देशों की ओर मोड़ा है। 2025 के पहले पांच महीनों में सिबुर ने बाल्टिक बंदरगाह उस्त-लुगा से भारत के लिए एलपीजी लोडिंग दोगुनी कर लगभग 4.18 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा दी है, जो पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। हाल ही में कंपनी ने दो टैंकरों के माध्यम से करीब 40,000 टन एलपीजी भारत भेजी है, जिससे घरेलू बाजार को आपूर्ति में राहत मिलने की उम्मीद है।

भारत में एलपीजी की मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि घरेलू उत्पादन स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में रूस से एलपीजी की आपूर्ति फिर शुरू होना भारतीय उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। सरकार ने भी घरेलू एलपीजी की कीमतों को नियंत्रण में रखने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए तेल कंपनियों को बजट 2025-26 में 35,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने का प्रस्ताव रखा है। मार्च 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत 803 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर स्थिर रखी गई है, जबकि कंपनियों को प्रति सिलेंडर लगभग 240 रुपये का नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने सब्सिडी का प्रावधान किया है, जिससे आम उपभोक्ताओं को महंगाई का बोझ न झेलना पड़े।

रूस की एलपीजी आपूर्ति बहाल होने से भारत को न केवल आपूर्ति में स्थिरता मिलेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों पर भी नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। सिबुर ने संकेत दिया है कि यदि आर्थिक रूप से यह व्यवहार्य रहा तो भविष्य में भी भारत को एलपीजी आपूर्ति जारी रहेगी। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी|

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