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मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ स्वास्थ्य महाशिविर के आरंभ का औपचारिक शंखनाद किया गया।



नेत्र कुंभ के माध्यम से होगा देश में नेत्र रोगों का उन्मूलन

सोमवार दिनांक 16 जून 2025 को जोधपुर के डॉक्टर सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकदेवता बाबा रामदेव नेत्र कुंभ स्वास्थ्य महाशिविर के आरंभ का औपचारिक शंखनाद किया गया।

नेत्रकुंभ दिव्यांगजनों के लिए कार्य करने वाली संस्था सक्षम व अन्य सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से आविष्कृत एक अभिनव प्रयोग है जिसमें हिन्दू धर्म के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन अर्द्धकुंभ, पूर्णकुम्भ और महाकुम्भ के दौरान विश्व भर  से आने वाले तीर्थ यात्रियों को एक ही स्थान पर विश्वस्तरीय नेत्र जांच सुविधा, चश्मे बनाकर देना और मोतियाबिंद पाए जाने पर निशुल्क सर्जरी तक प्रदान की जा चुकी है। यहां तक कि नेत्रकुंभ अवधि में सर्जरी सम्भव न हो पाने की स्थिति में पीड़ित मरीजों को उनके निवास क्षेत्र के निकट स्थित अस्पताल में मोतियाबिंद की ऑपरेशन की व्यवस्था भी निशुल्क की गई।

कार्यक्रम के प्रारंभ में समरसता के प्रतीक, जन-जन के आराध्य बाबा रामदेव जी को समर्पित भजन व लोकगीतों की प्रस्तुति सक्षम के दृष्टि बाधित दिव्यांग बन्धु हिंदी के व्याख्याता श्री जसराज शर्मा द्वारा दी गयी।

ततपश्चात मंचासीन अतिथियों द्वारा भारत माता, महान संत सूरदास जी ओर लोकदेवता बाबा रामदेव जी के चित्रों के समक्ष दीप-प्रज्जवलन किया गया।

इसके पश्चात प्रयागराज महाकुभ के दौरान 53 दिनों के लिए आयोजित किये नेत्र महाकुम्भ की जानकारी वाले वृत्तचित्र का प्रस्तुतिकरण उपस्थित जनसमूह के समक्ष किया गया। पूर्व के आयोजन की भव्यता और उसमें प्रदत्त विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं देखकर उपस्थित जनसमूह को भावी नेत्रकुम्भ की परिकल्पना और योजना का अनुमान हुआ और उत्साहपूर्ण वातावरण निर्मित हुआ।

अपने स्वागत उद्बोधन में पोकरण विधायक पूज्य प्रतापपुरी जी महाराज ने कहा कि यह बड़े हर्ष का विषय है कि नेत्रकुम्भ का यह आयोजन इस वर्ष पहली बार मरूधरा के रामदेवरा में हो रहा है, जहां देश के कोने कोने से पैदल, मोटरसाइकिल और विभिन्न साधनों से पधारे लाखों श्रद्धालुओं को ये विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। पोकरण व जैसलमेर जिले का प्रत्येक नागरिक इस अभिनव आयोजन में सहयोग करेगा और नेत्रकुम्भ के माध्यम से प्रारम्भ हुई नेत्ररोग उन्मूलन की अलख को देश मे फैलाएगा।

अपनी स्थापना के 100वें वर्ष से गुजर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख माननीय मंगेश जी भेंडे ने शक्तिसम्पन्न हो रहे नए विकसित भारत के समाज को नागरिक व्यवहार व आचरण के लिए  ‘पंच-परिवर्तन’ को अपनाने की आवश्यकता बताई। संघ द्वारा समाज को सुझाए गए ये पंच-परिवर्तन निम्न प्रकार है –
1. सामाजिक समरसता : समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सौहार्द्र एवं प्रेम बढ़ाने के लिए कार्य करना
2. कुटुम्ब प्रबोधन : परिवार को राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इकाई के रूप में संवर्धित करना।
3. पर्यावरण संरक्षण : पृथ्वी को माता मानकर पर्यावरण संरक्षण हेतु जीवनशैली में बदलाव।
4. स्वबोध और आत्मनिर्भरता : देश की स्वदेशी अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता पर जोर।
5. नागरिक कर्तव्य : प्रत्येक नागरिक द्वारा सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन और राष्ट्रहित में योगदान।

नेत्रकुम्भ की संकल्पना और इतिहास की जानकारी देते हुए सक्षम के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय दयालसिंह जी पवार ने बताया कि समदृष्टि, क्षमताविकास एवं अनुसंधान मंडल अर्थात सक्षम एक राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 20 जून 2008 में नागपुर के प्रबुद्धजनों द्वारा दिव्यांगो की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन ओर सामाजिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। यह संगठन दिव्यांगजन अधिकार कानून-2016 में उल्लेखित समस्त 21 प्रकार की दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। दिव्यांगजनों के लिए कार्य करने के साथ ही पूरे भारत में संगठन का विस्तार हो रहा है। साथ ही संपूर्ण देश में 150 से अधिक दिव्यांग सेवा केंद्रों के माध्यम से सेवा कार्य किए जा रहे हैं। ट्रस्ट की स्थापना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरकार्यवाह सुरेश जोशी के सान्निध्य में हुई और अब तक संपूर्ण देश के सभी प्रान्तों, 400 से अधिक जिलों में 12 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक जुड़े हुए है। सक्षम एक रजिस्टर्ड एनजीओ है जिसमें पूरे देश के भामाशाहों के द्वारा सहयोग किया जाता है।

प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के दौरान आयोजित नेत्रमहाकुम्भ की सफलता  एवं उसकी उपलब्धियों को जन-जन तक पहुचाने के लिए एक 16 पृष्ठ  की स्मारिका का विमोचन अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जन-समूह के मध्य किया गया। स्मारिका में प्रयागराज नेत्रमहाकुम्भ की आयोजन यात्रा को छायाचित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। यह संकलनीय स्मारिका शीघ्र ही सभी के अवलोकनार्थ उपलब्ध करवाई जाएगी।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भाग्यनगर से पधारी श्रीमती भगवती जी बल्दवा अर्धांगिनी श्री महेश जी बल्दवा ने दान की महिमा पर देवता, दानव ओर मनुष्य की  बहुत ही सुंदर कहानी के माध्यम से प्रकट कर सभी से आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति समय का, श्रम का ओर धन का दान देकर अपनी आहुति इस नेत्रकुम्भ मे देवे। साथ ही इस पुनीत कार्य के लिए जुटे सभी सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ताओं को जुटने की अपील की।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रचारक माननीय निम्बाराम जी ने अपने उद्बोधन में प्राचीन समय से हिन्दू धर्म मे चली आ रही देने की भावना को याद दिलाया। हमारे समाज मे कई ऐसे महापुरुष हुए है जिन्होंने अपना ऐशवर्य ओर सर्वस्व छोड़कर धर्म और समाज की सेवा का मार्ग अपना लिया। हमारे पूज्य लोकदेवता बाबा रामदेवजी ने अपने त्याग से समाज को दिशा दी है ओर सभी वर्गों को साथ लेकर समाज मे समरसता स्थापित की है। रामदेवरा में हो रहे इस विशाल नेत्रमहाकुम्भ की सूचना सम्पूर्ण समाज तक पहुचाने ओर सभी को इन चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिले इसके लिये सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर जुटना है।

कार्यक्रम के अंत मे आयोजन सचिव खेताराम जी ने इस नेत्र कुम्भ में सक्षम के साथ सहभाग करने वाले सभी संगठनों विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन, भारत विकास परिषद, सीमा जन कल्याण समिति, मेडिविजन, विश्व हिंदू परिषद, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय ), सेवा भारती, जन सेवा समिति जैसलमेर, श्री बाबा रामदेव सेवा समिति रामदेवरा एवं राजस्थान सरकार का आभार प्रकट किया एवं आज के आयोजन में उपस्थित इन संस्थाओं के सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद प्रेषित किया। साथ ही उपस्थित जनसमूह से सम्पूर्ण 33 दिवसीय नेत्र कुम्भ में सभी से सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।

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