रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तरुण विजय ने शुक्रवार को कहा है कि माओवादियों की हिंसा का समर्थन करने या उनका साथ देने वालों के खिलाफ राष्ट्रदोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
तरुण विजय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरूंधति राय और उनके जैसे अन्य मानवाधिकार कार्यकर्तामाओवादियों के मानवाधिकार की बात करते हैं और उनकी हिंसा का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो माओवादियों की हिंसा का समर्थन कर रहे हैं वे राष्ट्र के विरोध में हैं तथा यह आपराधिक कृत्य है। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
तरुण विजय ने कहा कि पूरे विश्व में केवल छत्तीसगढ़ में ही सलवा जुड़ूम जैसा जन आंदोलन हुआ है तथा राज्य की सरकार ने इस पर कभी राजनीति नहीं की। जनआंदोलन सलवा जुड़ूम को कमजोर करने वाले अरूंधति राय जैसे वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं जो दिल्ली के शानदार बंगले में रहते हैं और नक्सलवादियों के मानवाधिकार की बात कहते हैं।
हम यह मानते हैं कि जो कार्रवाई नक्सलवादियों या माओवादियों के साथ होती है आतंकियों के तथाकथित मानवाधिकारों का समर्थन करने वालों के साथ भी ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार देश के लोगों को न भोजन दे पा रही है और न ही सुरक्षा। नक्सलियों से लड़ाई के मुद्दे पर आज विपक्ष एक है लेकिन सरकार बंटी हुई नजर आ रही है जो सुरक्षाबलों का मनोबल को गिराने वाला साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नक्सल मामले को लेकर जिस तरह चिदंबरम और दिग्विजय सिंह के मध्य टकराव हुआ ्रवह साबित कर रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर एक नहीं है। संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस मामले में उनका क्या रुख है।
तरुण विजय ने कहा कि माओवादियों का न तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास और न ही वे रास्ते से भटके हुए लोग हैं। वे केवल अपराधी हैं और वे केवल सत्ता हथियाना तथा अपनी सरकार चलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि माओवादी सामानांतर सरकार चला रहे हैं और उनकी सामानांतर अर्थ व्यवस्था चल रही है। एक जानकारी के मुताबिक माओवादी अपहरण और अन्य अपराधों को अंजाम देकर प्रति वर्ष 15 सौ करोड़ रुपए एकत्र करते हैं। भाजपा चाहती है कि इस हिंसा का मुकाबला वैसे ही किया जाए जिसकी भाषा माओवादी समझते हैं। ऐसे लोगों को परास्त किया जाना चाहिए .
तरुण विजय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अरूंधति राय और उनके जैसे अन्य मानवाधिकार कार्यकर्तामाओवादियों के मानवाधिकार की बात करते हैं और उनकी हिंसा का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग जो माओवादियों की हिंसा का समर्थन कर रहे हैं वे राष्ट्र के विरोध में हैं तथा यह आपराधिक कृत्य है। ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
तरुण विजय ने कहा कि पूरे विश्व में केवल छत्तीसगढ़ में ही सलवा जुड़ूम जैसा जन आंदोलन हुआ है तथा राज्य की सरकार ने इस पर कभी राजनीति नहीं की। जनआंदोलन सलवा जुड़ूम को कमजोर करने वाले अरूंधति राय जैसे वे मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं जो दिल्ली के शानदार बंगले में रहते हैं और नक्सलवादियों के मानवाधिकार की बात कहते हैं।
हम यह मानते हैं कि जो कार्रवाई नक्सलवादियों या माओवादियों के साथ होती है आतंकियों के तथाकथित मानवाधिकारों का समर्थन करने वालों के साथ भी ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की संप्रग सरकार देश के लोगों को न भोजन दे पा रही है और न ही सुरक्षा। नक्सलियों से लड़ाई के मुद्दे पर आज विपक्ष एक है लेकिन सरकार बंटी हुई नजर आ रही है जो सुरक्षाबलों का मनोबल को गिराने वाला साबित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि नक्सल मामले को लेकर जिस तरह चिदंबरम और दिग्विजय सिंह के मध्य टकराव हुआ ्रवह साबित कर रहा है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर एक नहीं है। संप्रग की अध्यक्ष सोनिया गांधी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस मामले में उनका क्या रुख है।
तरुण विजय ने कहा कि माओवादियों का न तो लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास और न ही वे रास्ते से भटके हुए लोग हैं। वे केवल अपराधी हैं और वे केवल सत्ता हथियाना तथा अपनी सरकार चलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि माओवादी सामानांतर सरकार चला रहे हैं और उनकी सामानांतर अर्थ व्यवस्था चल रही है। एक जानकारी के मुताबिक माओवादी अपहरण और अन्य अपराधों को अंजाम देकर प्रति वर्ष 15 सौ करोड़ रुपए एकत्र करते हैं। भाजपा चाहती है कि इस हिंसा का मुकाबला वैसे ही किया जाए जिसकी भाषा माओवादी समझते हैं। ऐसे लोगों को परास्त किया जाना चाहिए .