10 मई 2025 को भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस (चकलाला, रावलपिंडी) समेत कई प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक मिसाइल हमले किए।
इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान की वायुसेना की ड्रोन और फाइटर जेट से हमले करने की क्षमता को पंगु बनाना था, खासकर उन ठिकानों को निशाना बनाया गया जो भारत के खिलाफ हालिया ड्रोन और मिसाइल हमलों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।




नूर खान एयरबेस पाकिस्तान की एयर मोबिलिटी कमांड का मुख्यालय है और हाल के पाकिस्तानी ड्रोन-मिसाइल हमलों के समन्वय में इसकी अहम भूमिका रही थी।
इस एयरबेस पर तैनात Saab 2000 AEW&C विमान ने भारतीय शहरों पर पाकिस्तानी हवाई हमलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
भारतीय वायुसेना के हमलों में नूर खान एयरबेस के रडार, हैंगर और लॉजिस्टिक्स डिपो समेत कई महत्वपूर्ण सैन्य ढांचे नष्ट हुए हैं। सैटेलाइट इमेजरी से इन नुकसानों की पुष्टि हुई है।
नूर खान एयरबेस एयरबेस मुख्य रूप से एयर मोबिलिटी, लॉजिस्टिक्स और परमाणु कमांड या भंडारण के लिए जाना जाता है।
इन हमलों के बाद पाकिस्तान की हवाई ताकत और हमले की क्षमता को बड़ा झटका लगा है।
भारतीय वायुसेना ने अत्याधुनिक प्रिसिशन वेपन्स (जैसे ब्रह्मोस एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल) का इस्तेमाल किया, जिससे सैन्य लक्ष्यों को सटीकता से निशाना बनाया गया और न्यूनतम नागरिक नुकसान सुनिश्चित किया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई हमलों का प्रभावी जवाब देते हुए अपनी तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता का प्रदर्शन किया।
भारतीय वायुसेना के सटीक और योजनाबद्ध हमलों ने नूर खान एयरबेस समेत पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे पाकिस्तान की हवाई हमले और समन्वय क्षमता में बड़ी गिरावट आई है। यह कार्रवाई पूरी तरह सैन्य ठिकानों तक सीमित रही।