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गो माता संपूर्ण जगत का लालन पालन करती है : राघवेश्वर भारती

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हैदराबाद, नवंबर १५ – गाय कभी किसी हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख, इसाई का भेद नहीं करती । उसका दूध तो हर धर्म व जाति का व्यक्ति पीता है । गाय संपूर्ण जगत का लालन पालन करती है । गाय कभी किसी को भेदभाव से दूध नहीं देती । लेकिन फिर भी मातृ प्रेम की मूर्ति गाय को आधुनिक कल्लखानों में निर्ममता से कटने के लिए बेच दिया जाता है । यह कहना है गोकर्ण पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य राघवेश्वर भारती का । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए हैदराबाद के प्रदर्शिनी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं ।
शंकराचार्य ने कहा कि देश में गो पुरातन की भांति फिर से पूजित होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि आज का मानव नीचता की हद पार कर चुका है । जो कि माँ समान गाय कि निर्ममता से हत्या कर देश व संस्कृति की हानि कर रहा है । उन्होंने कहा यदि मानव गोहत्या बंद नहीं करता तो भारत देश की अगली पीढी कभी खुषहाल जीवन नहीं व्यतीत कर सकेगी ।
शंकराचार्य ने कहा कि आज गाय की उपयोगिता को हम नहीं समझ पा रहें । लेकिन जिस दिन हम गाय के असली रूप को समझेंगे तब तक हम गाय को खो चुके होंगें । आज प्रतिदिन हजारों की संख्या में गाय विभिन्न कल्लखानों में काटी जा रही है । जिसके जिम्मेदार कोई और नहीं हम स्वयं है । आज गाय को पालने वाला व्यक्ति गाय को केवल मात्र दूध हेतु ही रखता है और जब गाय बूढी होकर दूध देना बंद कर देती है तो उसे वह बेच देता है ।
शंकराचार्य ने कहा कि गाय कभी अनार्थिक नही होती । बूढी गाय से भी हम प्रतिमाह उसके गोबर व गोमूत्र के जरिए रूपये कमा सकते हैं । लेकिन जानकारी न होने के कारण हम गाय को अनार्थिक मान कर उसे देते हैं । शंकराचार्य ने कहा कि विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का यही प्रयास है कि वह देश भर में गाय के महत्व को समझा कर लोगों को जागरुक करें । जिससे वे उसको अनुपयोगी समझ कर गलत हाथों में न बेचें । उन्होंने कहा कि यदि देश का प्रत्येक हिन्दू गाय को न बेच्ने का प्रण कर लें तो निश्चित रूप से इस धरती पर गोरक्त गिरना बंद होगा और यह देश एक बार फिर सोने की चिडिया कहलाएगा ।
विश्व मंगल की कामना लेकर विजयदशमी के दिन कुरुक्षेत्र से शुरू होकर विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा भारत के विभिन्न राज्यों से होते हुए पिछले चार दिनों से आंध्रप्रदेश में है । आज सुबह आंध्रप्रदेश के वारंगल जिले से चलकर गो ग्राम यात्रा हनुमकोण्ड, घनपुर, जनगाँव होते हुए शाम हैदराबाद पहुंची । इससे पहले रास्ते में गो ग्राम यात्रा के स्वागत के लिए अलेह में भारी जनसमूह एकत्रित हुआ । यहाँ स्वागत के लिए सडकों भारी संख्या में महिलाएँ थाली में दीप जलाएँ खडी थी । साथ ही पुरुशों ने पारंपरिक रुप से ढोल व षहनाई बजा कर यात्रा का स्वागत कर रथ पूजन किया ।
गो ग्राम यात्रा के लिए हैदराबाद के प्रदर्शिनी ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करीब १० हजार लोगों ने कार्यक्रम में मौजूद होकर केंद्रीय यात्रा के साथ चल रहें संतों का आशीर्वचन लेते हुए गोसंरक्षण का संकल्प लिया । कार्यक्रम में पुश्वगिरि पीठाधीश स्वामी नरसिंह भारती, गुजराज के स्वामी परमात्मानंद के साथ गो ग्राम यात्रा के सभी राष्ट्रीय स्तर के अधिकारी गण उपस्थित थे ।

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