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ऑपरेशन सिंदूर: भारत का सटीक प्रतिशोध, आतंक के ठिकानों पर तबाही

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7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में मौजूद आतंकवाद के अड्डों पर एक निर्णायक और सटीक जवाब देते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। यह कार्रवाई केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि उन निर्दोष नागरिकों, सैनिकों और तीर्थयात्रियों की आवाज़ थी, जो दशकों से सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद का शिकार बने।

इस ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान और पीओजेके में मौजूद नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जो लंबे समय से भारत में हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में सक्रिय थे।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत निशाना बनाए गए प्रमुख ठिकाने:

1. बहावलपुर
पाकिस्तान की सीमा से करीब 100 किलोमीटर अंदर स्थित यह क्षेत्र जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय रहा है। यहीं से भारत के खिलाफ आत्मघाती हमलों और आतंकी घुसपैठ की साजिशें रची जाती थीं।

2. मुरीदके (सांबा के सामने, 30 किमी दूर)
यह स्थान लश्कर-ए-तैयबा का गढ़ माना जाता है। 26/11 मुंबई हमलों की जड़ें यहीं से जुड़ी थीं। इस पर हमला, भारत की न्यायप्रिय स्मृति का प्रतीक है।

3. गुलपुर (एलओसी पुंछ-राजौरी से 35 किमी दूर)
पुंछ में 20 अप्रैल 2023 और 24 जून 2023 को तीर्थयात्रियों पर हुए हमलों की योजना यहीं से रची गई थी। इस शिविर पर कार्रवाई, निर्दोषों के लिए न्याय का उत्तर बनकर आई।

4. सवाई (पीओजेके तंगधार सेक्टर में 30 किमी भीतर)
यह लश्कर-ए-तैयबा का शिविर था, जहाँ से सोनमर्ग (20 अक्टूबर 2024), गुलमर्ग (24 अक्टूबर 2024) और पहलगाम (22 अप्रैल 2025) जैसे हमलों को अंजाम दिया गया। अब यह अड्डा अस्तित्वहीन है।

5. बिलाल कैंप
जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय लॉन्चपैड, जहाँ से घुसपैठिए भारत में भेजे जाते थे। अब यह क्षेत्र मूक है।

6. कोटली कैंप (राजौरी के सामने, एलओसी से 15 किमी)
लश्कर का यह बमवर्षक अड्डा लगभग 50 आतंकियों को ट्रेनिंग देने की क्षमता रखता था। ऑपरेशन सिंदूर ने इस क्षमता को खत्म कर दिया।

7. बरनाला कैंप (एलओसी से 10 किमी दूर)
राजौरी के पास स्थित यह स्थान आतंकवादियों का सुरक्षित गढ़ था, जिसे ध्वस्त किया गया।

8. सरजाल कैंप (सांबा-कठुआ के सामने, सीमा से 8 किमी दूर)
जैश का यह प्रशिक्षण केंद्र, भारत में फिदायीन हमलों की योजना बनाने में उपयोग हो रहा था। अब यह केवल एक निशान भर है।

9. महमूना कैंप (सियालकोट के पास, सीमा से 15 किमी)
यह हिजबुल मुजाहिदीन (HM) का प्रमुख प्रशिक्षण शिविर था, जहाँ कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी। अब इसका नेटवर्क तहस-नहस हो गया है।


भारत का संदेश स्पष्ट है:

यह ऑपरेशन केवल बदले की कार्रवाई नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक चेतावनी है — अगर आप निर्दोषों के खिलाफ साजिश करेंगे, तो हम सीमा नहीं देखेंगे।
भारत ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि वह शांति चाहता है, पर कायरता नहीं; संवाद में विश्वास रखता है, पर आतंक के साथ सह-अस्तित्व नहीं।


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