सीजफायर और उल्लंघन: 10 मई 2025 की रात हुए सीजफायर और उसके बावजूद हुई एयरस्पेस उल्लंघनों एवं ड्रोन घुसपैठ के बाद, पश्चिमी सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी और अन्य सुरक्षा घटनाएं भी सामने आईं।
सेना प्रमुख की कार्रवाई: सेना प्रमुख (COAS) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं के आर्मी कमांडर्स के साथ सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने 10 मई 2025 को हुई डीजीएमओ वार्ता के तहत बनी समझ के किसी भी उल्लंघन पर “काइनेटिक डोमेन” (यानी सैन्य कार्रवाई) में जवाबी कार्रवाई के लिए सेना कमांडरों को पूर्ण अधिकार दे दिए हैं।
OPERATION SINDOOR
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) May 11, 2025
Consequent to the ceasefire and airspace violations on night of 10-11 May 2025, #GeneralUpendraDwivedi, #COAS reviewed the security situation with the Army Commanders of the Western Borders.
The #COAS has granted full authority to the Army Commanders for… pic.twitter.com/kyWGwePqN0
ऑपरेशनल तैयारी: भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट पर है। सेना प्रमुख ने कमांडरों को बदलती परिस्थितियों के अनुसार त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहने को कहा है। वायुसेना और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय भी लगातार जारी है ताकि सीमा सुरक्षा मजबूत रहे।
ऑपरेशन सिंदूर की स्थिति: भारतीय वायुसेना ने पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत उसे सौंपे गए सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। यह कार्रवाई पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिससे आतंकवादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। वायुसेना ने सभी से अफवाहों से बचने और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करने की अपील की है।
भारतीय सेना और वायुसेना पूरी तरह सतर्क हैं और सीजफायर उल्लंघन की स्थिति में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादी ढांचे को बड़ा झटका दिया है और सेना नेतृत्व हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है ताकि देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।