
भारतीय सेना में अहम बदलाव के तहत लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (Deputy Chief of Army Staff) नियुक्त किया गया है। इस नई जिम्मेदारी के साथ ही वे मौजूदा पद, डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) पर भी कार्यरत रहेंगे। रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इस खबर की औपचारिक पुष्टि की है।
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हाल ही में हुए “ऑपरेशन सिंदूर” के सफल नेतृत्व को लेकर चर्चा में आए थे। इस सैन्य अभियान को दुश्मन के कब्जे वाले क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त हासिल करने और सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंजाम दिया गया था। ऑपरेशन की सफलता में उनकी सूझबूझ, सैन्य नेतृत्व और तेज निर्णय क्षमता की अहम भूमिका रही।
राजीव घई को उनकी सेवाओं और उत्कृष्ट सैन्य नेतृत्व के लिए “उत्तम युद्ध सेवा मेडल” (UYSM) से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह मेडल उन अधिकारियों को दिया जाता है जिन्होंने युद्ध या सैन्य अभियान के दौरान असाधारण सेवाएं प्रदान की हों।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह नया पद — डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ — विशेष रूप से सेना और खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से सृजित किया गया है। इस कदम से जमीनी स्तर पर सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान और रणनीतिक निर्णयों की गति में वृद्धि होने की उम्मीद है।
सेना मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल घई की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब देश की सुरक्षा चुनौतियाँ अधिक जटिल हो रही हैं और बहुआयामी रणनीतियाँ अपनाने की आवश्यकता है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता से सेना को नए आयाम मिलेंगे।
यह नियुक्ति भारत की सुरक्षा नीतियों में मजबूती और सामरिक तालमेल की दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।