ईरान का फोर्डो फ्यूल एनरिचमेंट प्लांट दुनिया के सबसे सुरक्षित और गुप्त परमाणु स्थलों में गिना जाता है। यह सुविधा क़ुम शहर के पास एक विशाल पहाड़ के भीतर इतनी गहराई में बनाई गई है कि इसे पारंपरिक हवाई बमबारी या सामान्य बंकर-बस्टर हथियारों से नष्ट करना लगभग असंभव है। फोर्डो की मुख्य ऑपरेशनल सुरंगें और हॉल अनुमानित तौर पर 80 से 90 मीटर (लगभग 262 से 295 फीट) जमीन के नीचे स्थित हैं। इस गहराई और संरचना का उद्देश्य स्पष्ट है—ईरान अपने संवेदनशील परमाणु कार्यक्रम को बाहरी हमलों, विशेषकर हवाई हमलों से पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहता है।
फोर्डो की सुरक्षा व्यवस्था अभूतपूर्व है। हालिया सैटेलाइट तस्वीरों में पहाड़ के भीतर पांच सुरंगों के प्रवेश द्वार, मजबूत सहायक ढांचे और एक व्यापक सुरक्षा घेरा साफ दिखाई देता है। यह न केवल इसकी रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि ईरान ने इस साइट को दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्तियों के संभावित हमलों से बचाने के लिए कितनी तैयारी की है। फोर्डो का निर्माण ही इस तरह किया गया है कि यह सबसे शक्तिशाली पारंपरिक बंकर-बस्टर बमों को भी झेल सके।

विशेषज्ञों के अनुसार, केवल अमेरिका के पास ही ऐसा हथियार है जो इतनी गहराई तक पहुंच सकता है—30,000 पाउंड वजनी GBU-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर (MOP)। यह बम विशेष रूप से गहराई में छिपे ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है, और इसे ले जाने की क्षमता केवल अमेरिकी वायुसेना के B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर में ही है। इज़राइल सहित किसी भी अन्य देश के पास न तो इतना शक्तिशाली बम है और न ही उसे ले जाने वाला विमान।
हाल के वर्षों में इज़राइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई ठिकानों पर हमले किए हैं, जिनमें नतांज जैसे स्थल शामिल हैं। इन हमलों में कई बार सतह पर और कुछ हद तक भूमिगत हिस्सों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन फोर्डो का मुख्य एनरिचमेंट हॉल अब भी पूरी तरह सुरक्षित और चालू है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्टों के अनुसार, फोर्डो की यह मजबूती और सुरक्षा ही इसे ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सबसे अहम और चिंता का विषय बनाती है।
फोर्डो की यह अभेद्यता वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी चुनौती है। जब तक अमेरिका के पास मौजूद MOP और B-2 स्पिरिट जैसी क्षमताओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता, तब तक इस साइट को सैन्य हमले से नष्ट करना लगभग असंभव है। यही वजह है कि फोर्डो न केवल ईरान की तकनीकी दक्षता का प्रतीक है, बल्कि परमाणु अप्रसार और पश्चिम एशिया की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।