अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर चौथे दौर की वार्ता मस्कट, ओमान में संपन्न हुई। वार्ता को दोनों देशों ने “कठिन लेकिन उपयोगी” करार दिया है। हालांकि, किसी ठोस समझौते तक नहीं पहुंचा जा सका, लेकिन दोनों पक्षों ने बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है।
वार्ता का सबसे बड़ा अड़चन ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम रहा। ईरान अपने अधिकारों पर कायम है, जबकि अमेरिका चाहता है कि ईरान इस कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म करे, ताकि परमाणु हथियार बनाने की संभावना समाप्त हो सके। इस विषय पर दोनों देशों के बीच तीखी बहस हुई।
करीब तीन घंटे चली इस वार्ता में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की बातचीत हुई। ओमान ने मध्यस्थ के रूप में अहम भूमिका निभाई। दोनों पक्षों ने वार्ता के बाद कहा कि आगे भी बातचीत जारी रहेगी और जल्द ही पांचवें दौर की बैठक की तारीख तय की जाएगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वार्ता के बाद कहा, “अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो सैन्य विकल्प भी खुला है।” दूसरी ओर, ईरान ने दोहराया कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है और वह अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेगा।
इन वार्ताओं पर पूरी दुनिया की नजर है, क्योंकि मध्य-पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए यह वार्ता बेहद अहम मानी जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बातचीत का जारी रहना सकारात्मक संकेत है, हालांकि समाधान अभी दूर है।
अमेरिका और ईरान के बीच चौथे दौर की परमाणु वार्ता बिना किसी ठोस समझौते के समाप्त हुई, लेकिन दोनों पक्षों ने आगे बातचीत जारी रखने का संकल्प लिया है। क्षेत्र में तनाव के बावजूद, कूटनीतिक प्रयास उम्मीद की किरण बने हुए हैं।