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जाग्रत हिंदू महासंगम : शक्ति नगरी पोकरण में हुआ ऐतिहासिक संघ का पथ संचलन

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धर्म रक्षा हर जाति का परम धर्म: सुरेश चंद्र
जाग्रत हिंदू महासंगम : शक्ति नगरी पोकरण
में हुआ ऐतिहासिक संघ का पथ संचलन
जयनारायण व्यास सर्किल
पर हुआ अद्भुत संगम
शहरवासियों ने किया
पुष्पवर्षा से स्वागत

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पोकरण,जैसलमेर 18 मार्च। अपने समाज की
जातियां यह एक व्यवस्था है परंतु जातिवाद का अहंकार यह उचित नहीं। सब जातियां इस विराट
हिंदू समाज के ही अंग है। कोई अंग कमजोर होने पर संपूर्ण समाज कमजोर होता है। हम जानते
हैं कि किसी भी जाति के श्रेष्ठ व्यक्ति ने समाज और धर्म के हित के कार्य किए हैं
, ऐसे सभी महापुरुषों को पूरे समाज ने आदर दिया है। पूज्य रविदास, पूज्य कबीर, वाल्मीकि जी, श्रद्धेय बी.आर. अंबेडकर इसके प्रमाण हैं। धर्म रक्षा हर जाति
का परम धर्म है। यही हम सबकी मूल शक्ति है। संघ अपने संपूर्ण समाज को सब भेदभाव समाप्त
कर बलशाली करने के प्रयास में लगा है। यह उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय
प्रचारक प्रमुख सुरेशचंद्र ने रविवार को पोकरण में जाग्रत हिंदू महासंगम में व्यक्त
किए। उन्होंने कहा कि आज के विराट दृश्य का दर्शन संघ का विराट दर्शन है। संघ का कार्य
92 वर्षों से देश में चल रहा है। संघ संपूर्ण भारत में कार्य करने
वाला हिंदू संगठन है। संघ निर्माता हेडगेवार ने समाज और राष्ट्र का गहन चिंतन किया
और इस संघ कार्य को शुरू किया। संगठित हिंदू समाज ही सब समस्याओं का हल है।
हिंदू विचार क्या है
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किस देश और किस धर्म में हमारा जन्म हो, जन्म तो परमात्मा देते हैं, ऐसा हमारे महापुरुषों
ने कहा है। जिस देश-धर्म में हमारा परमात्मा ने जन्म दिया है
, उस देश और धर्म की उन्नति करनी चाहिए और दूसरों के धर्म को कमजोर
नहीं करना चाहिए। यदि विश्व के सभी धर्म इस बात को स्वीकारते हैं तो विश्व में कहीं
भी अराजकता नहीं होगी। आतंकवादी घटनाएं नहीं होगी। आज अपने देश और धर्मों के अनावश्यक
अहंकार के कारण विश्व आतंकवाद की चपेट में सर्वत्र दिखाई दे रहा है। इस राष्ट्र में
सर्व धर्मों का आदर
, धार्मिक उपासना की
आजादी
, लोकतंत्र की गारंटी तब तक ही है जब तक यहां हिंदू विचारधारा
का प्रभाव है।
शरणार्थी और घुसपैठ में अंतर समझना होगा
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने सब
धर्मों की शरण स्थली भारत को बताया। विश्व में किसी भी धर्म-संस्कृति पर विपत्ति आई
तो इसी भारत के समाज ने उन्हें शरण दी। यहूदी
, पारसी आदि इसके प्रमाण
हैै। लेकिन बर्मा के रोहिंग्या बड़ी मात्रा में पड़ोसी देशों से घुसपैठ के प्रयास कर
रहे हैं। ऐसे में हमें शरणार्थी और घुसपैठियों में अंतर समझना होगा और पूरे समाज को
इससे सजग रहना होगा।
संघ करता रहेगा समाज संगठन
आज जैसे इस राष्ट्र को बल बढ़ रहा है वहीं
राष्ट्र विरोधी शक्तियां अपने समाज को कमजारे करने के लिए
,
तोड़ने के लिए प्रयास कर रही हैं। हमें इन सभी से सावधान रहना होगा। ये शक्तियां
अपने आस्था केंद्रों पर अपनी श्रद्धाओं को समाप्त करने का षड्यंत्र करेगी
, जिन आस्थाओं को लेकर आज तक हमने अमरता प्राप्त की है। 92 वर्ष के काल में अपने ही समाज की नासमझी से इस संघ पर तीन बार
अनेक झूठे आरोप लगाकर इस हिंदू शक्ति को कमजोर करने के प्रयास किए गए
, पर संघ हर संकट के बाद और अधिक ताकत के साथ खड़ा होकर समाज संगठन
करता रहा है।
चहुंओर हो रही भारत की जय-जयकार
इस सारे काल में अपने समाज में कोई भी आपदा
आई
, संघ के स्वयंसेवक सदैव आगे आकर सेवा कार्यों में लगे हैं। वहीं
देश में कई आक्रमण हुए
, तब भी स्वयंसेवक राष्ट्र
रक्षा में अग्रणी रहे। इसलिए संघ विरोधी होते हुए भी
1963 के गणतंत्र दिवस में
तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संघ को परेड के लिए आमंत्रित किया और तीन
हजार स्वयंसेवकों ने परेड में हिस्सा लिया। आज संपूर्ण देश और विश्व में हिंदू शक्ति
का जागरण दिखाई दे रहा है
, विश्व के 192 देशों ने भारतीय योग शास्त्र को स्वीकार किया है। फिलीस्तीन
के राष्ट्राध्यक्ष ने हाल ही में कहा है कि भारत ही इजराइल के साथ उनका समझौता करवा
सकता है। मुस्लिम देश सउदी अरब की सरकार ने अपने देश में मंदिर के लिए जमीन और धन भी
दिया।
पूज्य शक्तियों का किया स्मरण
मुख्य वक्ता सुरेशचंद्र ने अपने उद्बोधन में
लोकदेवता बाबा रामदेवजी
, पूज्य सदरामजी महाराज, आशापूर्णा माता, तनोट राय माता, कालेडूंगराय माता, देगराय माता, भादरिया राय माता, तेमड़े राय माता, नमडूंगर राय माता, पनोदर राय माता, घंटियाली माता, पोकरण में विराजित
शिव शक्ति
, पूज्य पाबूजी, सर्व देवियों के सेनापति
भैरव नाथ
, वीर पनराजजी आदि को याद किया। वहीं जैसलमेर के स्वर्णिम इतिहास
पर  उन्होंने कहा कि यहां की हिंदू माताओं ने
धर्म एवं संस्कृति की रक्षा करते हुए ढाई जौहर किए लेकिन विधर्मियों के अपवित्र हाथ
नहीं लगने दिए।
शक्ति स्थल पर दिखी स्वयंसेवकों की शक्ति
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शक्ति स्थल के नाम से मशहूर एवं परमाणु नगरी
के रूप में समस्त विश्व में पहचान रखने वाला पोकरण शहर रविवार को शक्ति के नए अवतार
का साक्षी बना। यह शक्ति थी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हजारों स्वयंसेवकों की। पश्चिमी
सीमा के निकट स्वयंसेवकों ने अभूतपूर्व शक्ति
, अनुशासन और संगठन दिखाया
कि मानो पूरा पोकरण शहर स्वयंसेवकों से अट गया। यहां जैसलमेर जिले के हर गांव-ढाणी
से संघ के पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने सधे कदमों से घोष के नाद के साथ पथ संचलन
किया। शहर में चार धामों के नाम से चार जगह से संचलन प्रारंभ हुए
, जिनका महासंगम दोपहर 03 बजकर, 18 मिनट एवं 18 सैकंड पर स्थानीय जयनारायण
व्यास सर्किल पर हुआ।
विभिन्न रचनाएं रही आकर्षण का केंद्र
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संचलन के बाद जोधपुर रोड स्थित महासंगम मैदान
में जाग्रत हिंदू महासंगम मैदान में सभी स्वयंसेवक विभिन्न रचनाओं में बैठे। इन रचनाओं
में श्री
, अखंड भारत, मां, स्वस्तिक, 18.3.18, ओउम, ध्रुव तारा, भगवा ध्वज, त्रिशूल आदि रचनाएं आकर्षण का केंद्र रही।
किया नियुद्ध का प्रदर्शन
सायं 5 बजे कार्यक्रम प्रारंभ
हुआ। स्वयंसेवकों ने संघ के प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिवस
होने के अवसर पर ध्वजारोहण से पूर्व आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया। ध्वजारोहण के बाद
संघ की प्रार्थना हुई। इसके बाद अतिथि परिचय
, स्वागत एवं धन्यवाद
ज्ञापन हुआ। वहीं मंच के ठीक सामने के प्रथम खंड में स्वयंसेवकों ने शिवाजी के गीत
की धुन पर बिना शस्त्र के ही रण कौशल दिखाने के रूप में नियुद्ध का उत्कृष्ट प्रदर्शन
किया।
हुतात्माओं के परिवार सदस्यों का हुआ सम्मान
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कार्यक्रम में मंच के तीन भाग बनाए गए, जिनमें से मध्य में अतिथि, बायीं ओर शहीद परिवारों
के सदस्य और दायीं ओर संतवृंद बैठे। अतिथियों ने हुतात्मा नायब सुबेदार परबतसिंह भाटी
, लांस नायक अगरसिंह राठौड़, सिपाही रामसिंह चारण, पूनमसिंह भाटी, नायक अगरसिंह भाटी, राइफल मैन पदमसिंह, सिपाही नरपतसिंह भाटी, नायक उत्तमसिंह भाटी, हवलदार उम्मेदसिंह
भाटी
, सिपाही नखतसिंह, सुबेदार राय अली खां, नायक उदयसिंह सोढ़ा, इंसपेक्टर फतेह खां, नायब सुबेदार किशोरसिंह, गनर सुखराम बिश्नोई, कांस्टेबल रमणलाल, लांस नायक वीरबहादुरसिंह, जयसिंह भाटी, नायक नरपतसिंह राठौड़, परमवीर चक्र मेजर शैतानसिंह भाटी आदि के परिवारों के सदस्यों
का शॉल ओढ़ाकर और मैडल एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मान किया। वहीं
यह हिमालय सा उठा मस्तक न झुक पाएगाकाव्य गीत और अवतरण प्रस्तुतीकरण हुआ।
 पाकिस्तान के करो चार टुकड़े: जी.डी.बख्शी
महासंगम के मुख्य अतिथि भारतीय सेना के मेजर
जनरल (सेवानिवृत्त) जी.डी.बख्शी ने जोशपूर्ण तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि भारत
के युवा ही भारत की सबसे बड़ी शक्ति है। राजस्थान वीरों की भूमि है
, यहां के जवानों ने प्राचीनकाल से ही विभिन्न युद्धों में श्रेष्ठ
साबित किया है। शक्ति स्थल पोकरण के बारे में उन्होंने कहा कि यहां के युवाओं को सदैव
सजग रहने की जरूरत है। पाकिस्तान वर्षों से कुटिल चालें चलता आ रहा है। सीमा पर फौजी
लड़ाइयों में उसको हर बार मुँह की खानी पड़ी
, ऐसे में पिछले कई वर्षों
से अब वह आतंककारी गतिविधियों को कर रहा है। ऐसे में अब दूसरा महाभारत का युद्ध होगा
और इसमें सबसे ज्यादा भागीदारी राजस्थान के युवाओं की होगी। पहले हमने
1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे और अब पाकिस्तान के दो नहीं
बल्कि चार टुकड़े करने होंगे। उन्होंने माता-पिता से भी अपने बच्चों को कठोर बनाने एवं
देश के लिए लड़ने के योग्य बनाने की बात कही।
संघ का कार्य पवित्र: परशुराम गिरी महाराज
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जूना अखाड़ा
हरिद्वार के महामंत्री परशुराम गिरी महाराज ने संघ के कार्य को पवित्र कार्य बताते
हुए कहा कि संघ समाज को समरसता के सूत्र में पिरो रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक
सभी लोग भारत मां की संताने हैं
, ऐसे में यहां जात-पाँत
के भेदभाव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
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ये रहे कार्यक्रम में मौजूद
कार्यक्रम में संघ के राजस्थान क्षेत्र प्रचारक
दुर्गादास
, क्षेत्र सह प्रचारक निंबाराम, क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख जसवंत खत्री, क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य नंदलाल जोशी बाबाजी, जोधपुर प्रांत संघचालक ललित शर्मा,
प्रांत कार्यवाह श्याम मनोहर, प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर, सह प्रांत प्रचारक योगेंद्र कुमार,
सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री मुरलीधर,
सीमाजन कल्याण समिति के संगठन मंत्री नींबसिंह, विभाग संघचालक दाउलाल
शर्मा
, जिला संघचालक त्रिलोकचंद खत्री सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक
मौजूद रहे।
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