भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बैजयंत पांडा ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध, ऑपरेशन सिंदूर की तीसरी और निर्णायक कड़ी हैं। यह रणनीति तीन हिस्सों में विभाजित है—सैन्य कार्रवाई, कूटनीतिक अभियान और अब आर्थिक दबाव।
ऑपरेशन सिंदूर: तीन-स्तरीय रणनीति
- सैन्य कार्रवाई: 7-8 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इसका उद्देश्य केवल आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाना था, न कि पाकिस्तानी सेना या नागरिकों को।
- कूटनीतिक अभियान: भारत ने खाड़ी और अफ्रीकी देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजकर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया और OIC जैसी संस्थाओं की आलोचना का जवाब दिया।
- आर्थिक प्रतिबंध: अब तीसरे चरण में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ व्यापार, वीज़ा, शिपिंग और जल-साझेदारी पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन से रोकना और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करना है।
आर्थिक प्रतिबंधों में क्या शामिल है?
- व्यापार और शिपिंग पर रोक: भारत ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार को निलंबित कर दिया है और प्रमुख वस्तुओं के निर्यात-आयात पर प्रतिबंध लगाया है।
- वीज़ा प्रतिबंध: लोगों की आवाजाही सीमित कर दी गई है, जिससे संभावित आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
- जल-साझेदारी पर नियंत्रण: सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया है, जिससे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया गया है।
उद्देश्य और संदेश
बैजयंत पांडा के अनुसार, ये प्रतिबंध अस्थायी हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर और सख्त किए जा सकते हैं। भारत का यह कदम साफ संदेश देता है कि आतंकवाद का समर्थन करने की कीमत चुकानी पड़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपनाई है।