भारतीय नौसेना जून से दिसंबर 2025 के बीच 9 से 10 नए युद्धपोतों को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है। इसकी शुरुआत 18 जून को विशाखापत्तनम नेवल डॉकयार्ड में पहले एंटी-सबमरीन वॉरफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) ‘INS अर्नाला’ की कमीशनिंग से होगी।
INS अर्नाला की खासियतें:
- यह 16 ASW-SWC श्रेणी के जहाजों में पहला है, जिसे कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) और L&T शिपबिल्डर्स ने मिलकर बनाया है।
- इसमें 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री है और इसमें BEL, L&T, महिंद्रा डिफेंस जैसी भारतीय कंपनियों की उन्नत तकनीक लगी है।
- इसकी लंबाई 77.6 मीटर और वजन 1490 टन से अधिक है। यह डीजल इंजन-वाटरजेट संयोजन से चलने वाला सबसे बड़ा भारतीय युद्धपोत है।
- यह पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन, सबसर्फेस सर्विलांस, सर्च एंड रेस्क्यू, और लो-इंटेंसिटी मैरीटाइम ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसके निर्माण में 55 से ज्यादा MSMEs को शामिल किया गया है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ को मजबूती मिली है।
महत्व:
इन जहाजों की कमीशनिंग से भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा और पनडुब्बी रोधी क्षमताओं में बड़ा इजाफा होगा, साथ ही यह भारत की समुद्री आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है।