_सधे कदम से शौर्य मार्ग पर चलते,घोष की ताल के साथ राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन_
इस अवसर पर मुख्य वक्ता सुश्री सुमन चौहान (समिति की प्रांत सह शारीरिक प्रमुख एवं अखिल भारतीय घोष टोली सदस्या) रहीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि संघ और समिति का मूल उद्देश्य केवल भारत माता की सेवा है। इसका अर्थ है—समाज की भावपूर्ण सेवा करना, भारत की प्राचीन संस्कृति की रक्षा करना और शास्त्रों-ग्रंथों से मिली ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाना व साथ ही युवाओं में राष्ट्र
सर्वोपरि का भाव बढ़ाना है।
उन्होंने बताया कि हिन्दुत्व किसी संकीर्ण मत का नाम नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की पद्धति और दर्शन है। इसमें सभी प्रकार के विचार और मत समाहित हैं, क्योंकि हिन्दुत्व परमात्मा की तरह विशाल और सहिष्णु है। सुश्री चौहान ने कहा कि संघ स्थापना के 11 वर्ष बाद समिति की स्थापना इसलिए हुई, ताकि कोई भी शक्ति भारत की इस दिव्य आभा को ढक न सके और समाज अपनी पहचान से विमुख न हो।
कार्यक्रम में 355 सेविकाओं ने अनुशासित पंक्तियों में घोष वादन और एक जैसी ताल के साथ नगर में भव्य पथ संचलन किया। रास्ते भर मातृशक्ति ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया। इसी दौरान हल्की बारिश ने माहौल को और भी पावन व गरिमामय बना दिया।
यह पथ संचलन नगर की बस्तियों से होता हुआ अंत में गायत्री शक्तिपीठ परिसर में बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ।
