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रिसर्च लैब्स के लिए खरीद नियमों में ऐतिहासिक ढील: क्या बदला, किसे मिलेगा फायदा?

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सरकार ने वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च लैब्स और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए खरीद (procurement) नियमों में बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय के हालिया आदेश (Office Memorandum No.F.20/42/2021-PPD) के तहत ये बदलाव लागू किए गए हैं, जिससे वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की खरीद अब पहले से कहीं अधिक तेज़ और लचीली हो गई है।

किन संस्थानों को मिलेगा लाभ?

इन नए नियमों का फायदा देश के 10 प्रमुख वैज्ञानिक मंत्रालयों/विभागों/संस्थानों को मिलेगा, जैसे:

  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST)
  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT)
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
  • अंतरिक्ष विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, ICAR, ICMR, और वे सभी शैक्षणिक/शोध संस्थान जो पीजी/पीएचडी कोर्स कराते हैं1

मुख्य बदलाव क्या हैं?

  • अब वाइस-चांसलर/डायरेक्टर GeM (Government e-Marketplace) के बाहर से भी रिसर्च से जुड़े उपकरण और सामग्री खरीद सकते हैं।
  • ग्लोबल टेंडर एनक्वायरी (GTE) की सीमा ₹200 करोड़ तक कर दी गई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के उपकरण खरीदना आसान होगा।

क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव?

  • प्रोजेक्ट्स में देरी और प्रशासनिक अड़चनें कम होंगी।
  • रिसर्च लैब्स को आवश्यक उपकरण और सामग्री जल्दी मिल सकेगी।
  • भारत को वैश्विक R&D हब बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
  • वैज्ञानिक संस्थानों को अधिक स्वायत्तता और प्रतिस्पर्धी माहौल मिलेगा।

नोट: ये छूट सिर्फ अनुसंधान-संबंधी खरीद के लिए हैं, सामान्य प्रशासनिक खरीद पर लागू नहीं होंगी। हर साल ऐसी खरीद की सूची संबंधित मंत्रालय को भेजनी होगी।

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