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जोधपुर से 148 अवैध बांग्लादेशी नागरिक डिपोर्ट, भारत में घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू

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भारत सरकार ने देश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेषकर पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इसी कड़ी में राजस्थान के जोधपुर से 148 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को उनके मूल देश वापस भेजा गया है। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना और अवैध घुसपैठ को रोकना है।

पहलगाम हमले के बाद तेज हुआ अभियान
पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने अवैध प्रवासियों की पहचान और उनके डिपोर्टेशन के लिए देशव्यापी अभियान शुरू किया था। राजस्थान पुलिस ने इस निर्देश के तहत राज्य के 17 जिलों में सघन तलाशी अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप 1008 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को चिह्नित किया गया। इनमें से 148 नागरिकों की पहली खेप को 14 मई 2025 को जोधपुर एयर फोर्स स्टेशन लाया गया। यहां दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के बाद इन्हें विशेष विमान के जरिए पश्चिम बंगाल भेजा गया, जहां से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) इन्हें बांग्लादेशी अधिकारियों को सौंपेगा।

सीकर से जोधपुर लाए गए बांग्लादेशी नागरिक
जानकारी के अनुसार, डिपोर्ट किए गए 148 बांग्लादेशी नागरिकों को सीकर जिले से पकड़ा गया था। सीकर पुलिस ने इन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच चार बसों में जोधपुर एयर फोर्स स्टेशन पहुंचाया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कई नागरिक वर्षों से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे और कुछ ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए यहां काम-धंधे शुरू कर लिए थे। इनके मोबाइल कॉल डिटेल्स, बैंक खातों और दस्तावेजों की जांच के बाद इनकी बांग्लादेशी नागरिकता की पुष्टि हुई।

अस्थाई कैंप में रखे गए प्रवासी
जोधपुर में डिपोर्टेशन प्रक्रिया के दौरान अवैध प्रवासियों को मण्डोर स्थित ग्राम सेवक प्रशिक्षण केंद्र में बनाए गए अस्थाई कैंप में रखा गया। यहां बिस्तर, भोजन और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगी, और शेष पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों को भी जल्द ही डिपोर्ट किया जाएगा।

केंद्र और राज्य सरकार का सख्त रुख
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 30 अप्रैल को पुलिस को अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस अभियान के तहत जयपुर रेंज में 761 और सीकर में 394 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान की गई है।

सुरक्षा और सामाजिक तनाव को लेकर चिंता
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अवैध प्रवासी न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बनते हैं, बल्कि रोजगार, संसाधनों के बंटवारे और सामाजिक तनाव जैसे मुद्दों को भी जन्म देते हैं। कई बार ये प्रवासी फर्जी दस्तावेजों के जरिए आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य पहचान पत्र हासिल कर लेते हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बढ़ जाती है।


यह कार्रवाई भारत सरकार के उस संकल्प को दर्शाती है कि अब देश अवैध प्रवासियों के लिए शरणस्थली नहीं रहेगा। सरकार का यह कदम न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि अवैध घुसपैठ के खिलाफ एक सख्त संदेश भी देता है।

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