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बांग्लादेश में राजनीतिक संकट: सेना की आपातकालीन बैठक और तख्तापलट की अटकलें

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बांग्लादेश में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य अत्यंत गतिशील और तनावपूर्ण है। 25 मार्च 2025 को सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान की अध्यक्षता में हुई आपातकालीन बैठक ने इन अटकलों को और बल दिया है कि देश में संभावित तख्तापलट की तैयारी हो रही है। इस बैठक में पांच लेफ्टिनेंट जनरल, आठ मेजर जनरल, स्वतंत्र ब्रिगेडों के कमांडिंग अधिकारी और सेना मुख्यालय के अन्य प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य देश में बढ़ते राजनीतिक असंतोष और सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करना था। सूत्रों के अनुसार, सेना राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन पर दबाव डाल सकती है कि वे आपातकाल घोषित करें या सीधे अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस को सत्ता से हटाने की कार्रवाई करें। इसके अलावा, सेना के अधीन एक राष्ट्रीय एकता सरकार स्थापित करने की योजनाएँ भी बनाई जा रही हैं।

राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में सैनिकों और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों की भारी तैनाती देखी जा रही है। सड़क किनारे चौकियों की स्थापना और वाहनों की जांच बढ़ा दी गई है, जिससे सुरक्षा उपायों की गंभीरता स्पष्ट होती है।

छात्र संगठनों और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा यूनुस सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। आमार बांग्लादेश पार्टी के महासचिव असदुज्जमां फुआद ने सेना प्रमुख पर राष्ट्रपति के साथ मिलकर नई अंतरिम सरकार बनाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।

इन घटनाओं के बीच, मोहम्मद यूनुस की आगामी चीन यात्रा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, विशेषकर वर्तमान राजनीतिक संकट के संदर्भ में।

समग्र रूप से, बांग्लादेश में राजनीतिक और सैन्य गतिविधियों की यह तीव्रता देश के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण संकेत दे रही है। आगामी दिनों में स्थिति किस दिशा में विकसित होगी, यह देश और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।

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