जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। घाटी की शांत वादियों को मजहबी आतंकियों द्वारा खून से रंगे जाने के बाद केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ‘अब सिर्फ निंदा नहीं, एक्शन होगा’। इसी क्रम में इस्लामी कट्टरपंथ पर करारा वार करते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान को लेकर अब तक का सबसे कठोर कूटनीतिक निर्णय लिया है।
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते पर रोक लगा दी है। पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा नहीं मिलेगा और अटारी-वाघा बॉर्डर को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है।। इसके साथ ही भारत में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को बंद कर दिया गया है। जिसे एक हफ्ते में खाली करना होगा और पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दे दिया गया है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर की शांत वादियों को मजहबी आतंकियों द्वारा लहूलुहान की घटना ने पूरे देश में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। वहीं अब पहलगाम में हुए इस कायराना आतंकी हमले के बाद अब केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है। इस हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आतंक का चेहरा चाहे जितना बदल जाए, उसकी सोच मजहबी नफरत पर ही टिकी होती है— जो भारत की एकता को चीरने पर आमादा है।
1500 से अधिक कट्टरपंथी हिरासत में
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुरक्षा बलों ने घाटी में आतंकवाद के नेटवर्क को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 1500 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है—इनमें वे भी शामिल हैं जो वर्षों से ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ (OGW) बनकर आतंक का समर्थन कर रहे थे। अब उन्हें न सिर्फ हिरासत में लिया गया है, बल्कि उनके सम्पर्कों की भी जाँच की जा रही है। बता दें कि सेना द्वारा यह कोई साधारण प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि कट्टर मजहबी सोच के खिलाफ छेड़ा गया ऑपरेशन क्लीन-अप है।
राजधानी सहित बॉर्डर स्टेट्स भी अलर्ट पर
यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं है। इस हमले के बाद से देश की राजधानी दिल्ली सहित पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्यों में भी हाई अलर्ट कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान प्रायोजित मजहबी आतंकवाद की इस कायरतापूर्ण घटना पर भारत अब चुप नहीं बैठने वाला।
घटनास्थल पर पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह
वहीं पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बैसरन मैदान का दौरा किया और बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि देश आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा और हमले के दोषियों को छोड़ा नहीं जाएग
राजनाथ सिंह की ललकार – “जवाब ऐसा होगा कि दुनिया देखेगी”
गृह मंत्री अमित शाह स्वयं घटनास्थल बैसरन पहुंचे। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज दिल्ली में NSA सहित तीनों सेना प्रमुखों के साथ हाईलेवल मीटिंग की है। इसके बाद एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत किसी मजहबी आतंक के आगे झुकने वाला नहीं है। उन्होंने साफ कर दिया कि जो नापाक साजिशें रचते हैं, उन्हें भारत ऐसा जवाब देगा कि पूरी दुनिया देखेगी।
प्रधानमंत्री के दौरे स्थगित
इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की अपनी आधिकारिक यात्रा बीच में छोड़ भारत वापस आ गए और उन्होंने एयरपोर्ट से ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेना शुरू कर दी। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कानपुर दौरा भी स्थगित कर दिया जो इस बात का संकेत है कि अब भारत के लिए यह आतंकी हमला केवल “घटना” नहीं, बल्कि “घोषणा” है कि भारत अब निर्णायक मोड में है।
विश्वभर से मिल रहा भारत को साथ
इस आतंकी हमले के बाद से भारत को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है। सऊदी अरब ने आतंकवाद को “सीमा पार हथियार बनाए जाने” की निंदा करते हुए भारत के रुख का समर्थन किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को नैतिक समर्थन दिया है। पुतिन ने कहा—“इस क्रूर अपराध का कोई औचित्य नहीं है, और दोषियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए।”
अब सवाल नहीं, एक्शन होगा — मजहबी आतंकवाद को मिलेगा जवाब
इस मजहबी आतंकवाद के चेहरे ने भारत के धैर्य को चुनौती दी है। भारत अब निंदा नहीं, प्रतिशोध लेगा। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली से लेकर कश्मीर तक होने वाले घटनाक्रम से अब उन मजहबी ठेकेदारों और कट्टरपंथियों को यह समझना होगा कि भारत केवल एक सहनशील राष्ट्र नहीं, बल्कि प्रचंड प्रतिशोध लेने और मजहबी आतंक को जबाव देने में भी सक्षम है।