प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइप्रस की राजधानी निकोसिया में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘दि ग्रांड क्रॉस ऑफ दि ऑर्डर ऑफ मकारियोस-3’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स ने पीएम मोदी को भव्य समारोह में प्रदान किया। पिछले दो दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली साइप्रस यात्रा है और यह सम्मान भारत-साइप्रस संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
Humbled to receive the 'Grand Cross of the Order of Makarios III' of Cyprus. I dedicate it to the friendship between our nations. https://t.co/x4MX3UZbtW
— Narendra Modi (@narendramodi) June 16, 2025
पीएम मोदी की यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए अहम है, बल्कि यूरोपीय संघ और भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भारत की रणनीतिक भागीदारी को भी नया आयाम देती है। साइप्रस ने हाल ही में भारत के खिलाफ हुए पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने का भरोसा दिया है।
इस सम्मान के साथ ही पीएम मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को भी संबोधित किया और दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को और बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में बताते हुए ऊर्जा, शिपिंग, फाइनेंस और डिजिटल सेक्टर में साझेदारी की नई संभावनाओं पर चर्चा की।
यह सम्मान और यात्रा भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका, आर्थिक ताकत और आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का भी प्रतीक है। तुर्की जैसे देशों के लिए यह स्पष्ट संदेश है कि भारत अपने वैश्विक साझेदारों के साथ मजबूती से खड़ा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति लगातार मजबूत कर रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय इतिहास में पहली बार किसी भी नेता के रूप में दुनिया के 23 देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त किए हैं। यह उपलब्धि न केवल भारत की बढ़ती वैश्विक साख का प्रमाण है, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की सशक्त नेतृत्व क्षमता, वैश्विक शांति और विकास की दूरदृष्टि, और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का भी परिचायक है।
वर्ष 2025 में ही प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देशों ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा। साइप्रस ने उन्हें ‘द ग्रांड क्रॉस ऑफ दि ऑर्डर ऑफ मकारियोस-3’ प्रदान किया, जो देश का सर्वोच्च सम्मान है। इसी प्रकार, श्रीलंका और मॉरीशस ने भी अपने-अपने देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्रदान किए।
2024 में प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत, बारबाडोस, गुयाना, रूस, नाइजीरिया और अन्य देशों ने अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया। यह सम्मान उनकी वैश्विक स्तर पर शांति, विकास और भारत के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को रेखांकित करते हैं।
वर्ष 2023 में ग्रीस, फ्रांस, मिस्र, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने भी प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा। ये सम्मान भारत की बढ़ती वैश्विक छवि और प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीतिक सफलता को दर्शाते हैं।
इसके अलावा, इससे पहले भी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, फिलिस्तीन, मालदीव, अफगानिस्तान, भूटान और बहरीन जैसे देशों ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया है। इन सम्मानों में से कई को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विशेष रूप से सराहा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह अभूतपूर्व सफर न केवल भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई पर ले गया है, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में भारत के लिए सम्मान और विश्वास का नया पैमाना भी स्थापित किया है। यह सम्मान उनके नेतृत्व, दूरदर्शिता और वैश्विक शांति एवं विकास में योगदान का प्रमाण है।