Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों की भूमिका

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ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई, 2025) के दौरान लगभग 3,000 अग्निवीर—जिनकी औसत उम्र केवल 20 साल थी और जिन्हें पिछले दो वर्षों में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किया गया था—ने भारत की वायु रक्षा प्रणालियों को संभाला और पाकिस्तानी मिसाइल व ड्रोन हमलों से भारतीय सैन्य ठिकानों की रक्षा की।

इन अग्निवीरों ने गनर, फायर कंट्रोल ऑपरेटर, रेडियो ऑपरेटर और भारी वाहनों के ड्राइवर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वे पश्चिमी मोर्चे पर तैनात थे और नियमित सैनिकों के साथ मिलकर काम कर रहे थे।

उन्होंने कई आधुनिक हथियार प्रणालियों का संचालन किया जैसे:

आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल
L-70 और Zu-23-2B गन
पेचोरा, शिल्का, ओसा-एके, स्त्रेला और तुंगुस्का सिस्टम
आकाशतीर एयर डिफेंस कंट्रोल नेटवर्क

अग्निवीरों ने पूरी निष्ठा और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उनके प्रदर्शन की प्रशंसा उच्च अधिकारियों और वरिष्ठ सैनिकों द्वारा की गई।
फ्रंटलाइन से मिली प्रतिक्रिया के अनुसार, अग्निवीरों ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को सफलतापूर्वक विफल किया और महत्वपूर्ण सैन्य व नागरिक ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित की।

ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों की भूमिका ऐतिहासिक रही। उन्होंने साबित कर दिया कि अग्निपथ योजना से भर्ती युवा भी देश की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उनके साहस और समर्पण ने भारतीय सेना की ताकत को और मजबूत किया है। 🇮🇳🫡

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