विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर ने नारद जयंती के वार्षिक कार्यक्रम के अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली वाले पत्रकारों को किया सम्मानित
जोधपुर । कार्यक्रम के मुख्य वक्ता निम्बाराम ने विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित नारद जयंती कार्यक्रम में कहा कि “वर्तमान समय संचार व संवाद का समय है। समाज को शिक्षित करना भी पत्रकारिता का विषय है। राष्ट्रीयता के साथ संवादों को गहन विचार के बाद ही प्रसारित किया जाना चाहिए” जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के बृहस्पति सभागार में विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर प्रान्त की ओर से नारद जयन्ती एवं नारद विभूषण/भूषण उपाधि प्रदान कार्यक्रम 2025 के समारोह में बतौर मुख्य वक्ता निम्बाराम
(क्षेत्र प्रचारक,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने यह बातें कही। शिक्षा की, संस्कार की, सामाजिक समरसता की, सामाजिक सद्भाव की, सामाजिक ताने-बाने की, यह सारी जो खबरें हैं और वह जितनी बहुत अच्छे तरीके से यदि हम देंगे तो इसका एक प्रभाव पड़ता है वैसा अपना एक समाज खड़ा होता ।
अतिथियों का परिचय विभाग प्रचार प्रमुख लेखाराम विश्नोई ने दिया तथा कार्यक्रम संयोजक डॉ कामल जंगिड़ ने नारद जयंती कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी तथा कार्यक्रम ला उद्देश्य विस्तार से बताया।
नारद जयंती के वार्षिक कार्यक्रम अवसर पर आज मुख्य अतिथि न्यायाधीश कुलदीप माथुर, राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर तथा विशिष्ट अतिथि डॉ संगीता प्रणवेंद्र प्रोफेसर, रेडियो टेलीविज़न विभाग, भारतीय जन संचार संस्थान, दिल्ली ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली वाले पत्रकार राजेश त्रिवेदी को नारद विभूषण, नारद भूषण श्यामलाल चौधरी नागौर, नरेश बारासा जोधपुर, कमल वैष्णव जोधपुर, नारद श्री एच एन श्रीमाली उर्फ मुकेश श्रीमाली जोधपुर, कानसिंह शेखावत रिया बड़ी, जितेंद्र कुमार छंगाणी फलोदी, अजय कुमार जोशी सोजत, मनोज कुमार गोयल हनुमानगढ को सम्मानित किया। इसके तहत नारद विभूषण में 11 हजार व स्मृति चिन्ह , नारद भूषण में पांच हजार व स्मृति चिन्ह और नारद श्री में 11सौ व स्मृति चिन्ह भेंट किये जांएगे
मुख्य अतिथि न्यायाधीश कुलदीप माथुर ने
कहा कि पत्रकार को यह भम्र नहीं होना चाहिए कि उसे सब ज्ञात है। संवाद राष्ट्र को सुदृढ़ करने के लिए ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई ऐसे समाचार प्रसारित किए गए जिनसे नुकसान हो सकता था। ऐसे संवादों को विस्तार देने से हमें बचाना चाहिए। उन्होंने ऑपरेशन पूरा होने के बाद की हालातों पर संवाद स्थापित करने से पहले पूरी जानकारी की पुष्टि करने पर जोर दिया।
विशिष्ट अतिथि डॉ संगीता प्रणवेंद्र ने कहा कि फंडामेंटल सिद्धांत वह सिद्धांत मूल्य है जो आज भी हमें पत्रकारिता में भरोसा दिलाते हैं जब कोई घटना दुर्घटना होती है तो हम अपने पास जो भी साधन होता है चाहे टीवी, अखबार, हाथ में मोबाइल हो तो तुरंत डिजिटल किसी प्लेटफार्म पर जाते हैं और वहां पर सूचना तलाश में लगते हैं यह वह सिद्धांत है जो आप में और हम में आज भी मीडिया के प्रति भरोसा कायम रखवाते हैं
कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए हरदयाल वर्मा अध्यक्ष विश्व संवाद केंद्र जोधपुर प्रान्त ने वेद, उपनिषद, विज्ञान के आधार पर शोध कार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा कि निरंतर अध्ययन नितांत आवश्यक है और अध्ययन जीवन को सार्थकता प्रदान करती है।
भारत एक विकसित देशों की दौड़ में आगे बढ़ रहा है लेकिन आज भी भारत का पत्रिका कतार में खड़े हुए अंतिम व्यक्ति के हित की बात करता है और टेलीविजन के कई प्राइम टाइम में उनका जगह मिलती है बहुत ईमानदारी से उनके मुद्दे उठाए जाते हैं उनके मुद्दे कभी इस बात पर यह तय करके नहीं होते की संपन्न व्यक्ति है प्रभावशाली है उसका मुद्दा उठाया जाए। जल, जंगल, गरीब अपेक्षित ,शोषण, पीड़ित, यह सब मुद्दे मीडिया में उठते हैं
कार्यक्रम का संचालन विश्व संवाद केंद्र न्यास के सदस्य इंजीनियर राघव शर्मा ने किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन विश्व संवाद केंद्र जोधपुर प्रान्त के सचिव हेमन्त घोष ने दिया। इस अवसर पर प्रान्त प्रचार प्रमुख पंकज कुमार, विश्व संवाद केंद्र जोधपुर प्रान्त सचिव हेमन्त घोष, डॉ. कमल जांगिड़, अमित पराशर, चंद्रेश शर्मा, सुधांशु टांक, महेश सारस्वत, विशाल शर्मा, मनीष आचार्य, शक्तिसिंह राजपुरोहित,दिनेश चौधरी व लेखाराम बिश्नोई अन्य मौजूद रहे।






