22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा #पहलगाम में निर्दोष भारतीय पर्यटकों पर कायरतापूर्ण हमले के बाद, #भारतीयनौसेना ने अपने कैरियर बैटल ग्रुप, सरफेस फोर्सेज, पनडुब्बियों और एविएशन एसेट्स को तुरंत अरब सागर में तैनात कर दिया। यह तैनाती भारतीय रक्षा बलों के संयुक्त ऑपरेशनल प्लान के तहत पूर्ण युद्ध-तत्परता के साथ की गई।
In the aftermath of the cowardly attacks on innocent Indian tourists at #Pahalgam by Pakistani sponsored terrorists on #22Apr 25, the #IndianNavy’s Carrier Battle Group, surface forces, submarines and aviation assets were immediately deployed at sea with full combat readiness, in… pic.twitter.com/c1iN3MbgfB
— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 11, 2025
96 घंटों के भीतर, आतंकी हमले के बाद, #भारतीयनौसेना ने अरब सागर में कई हथियार परीक्षण किए। इन अभ्यासों के जरिए नौसेना ने अपनी रणनीतियों और प्रक्रियाओं को परिष्कृत किया, साथ ही चालक दल, हथियारों, उपकरणों और प्लेटफॉर्म की तैयारी को फिर से सत्यापित किया।
नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में एक निरोधक और निर्णायक मुद्रा में तैनाती जारी रखी, जिससे समुद्र और ज़मीन पर चुनिंदा लक्ष्यों (जैसे कराची) पर हमला करने की क्षमता बनी रही।
इस तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायुसेना को रक्षात्मक स्थिति में धकेल दिया, जिससे उन्हें अपने बंदरगाहों या तट के निकट ही रहने को मजबूर होना पड़ा।
संयुक्त सैन्य समन्वय
नौसेना की कार्रवाई को #भारतीयथलसेना और #भारतीयवायुसेना के साथ समन्वित तरीके से योजनाबद्ध किया गया था। यह समन्वय संघर्ष विस्तार नियंत्रण (एस्केलेशन कंट्रोल) तंत्र का हिस्सा था।
पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर करना
भारतीय नौसेना की समुद्र पर अभेद्य तैयारी और सेना-वायुसेना की गतिशील कार्रवाइयों ने पाकिस्तान को तुरंत सीजफायर की मांग करने के लिए विवश किया।
हालांकि, भारतीय नौसेना अभी भी विश्वसनीय निरोधक मुद्रा में तैनात है, ताकि पाकिस्तान या उसके आतंकवादियों द्वारा किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का निर्णायक जवाब दिया जा सके।