Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

घुमंतू जातियों का राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान- निम्बाराम

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

बाड़मेर। घुमंतू जातियों का राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राजधर्म का पालन करने के लिए उनमें से अनेक घुमंतू हो गईं। इन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं समाज के भामाशाहों ने चिंतन किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की धर्मरक्षक घुमंतू जाति परियोजना के अंतर्गत बाड़मेर में संचालित घुमंतू छात्रावास के तृतीय वार्षिकोत्सव व भामाशाह सम्मान समारोह पर आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम ने ये विचार व्यक्त किए। वे रविवार को स्थानीय महावीर टाउन हॉल में मुख्यवक्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घुमंतू जनजातियों के उत्थान के लिए इस प्रकार के छात्रावासों के साथ-साथ स्थायी रोजगार की व्यवस्था के लिए भी हमें चिंतन मनन करना होगा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घुमंतू जनजातियों के उत्थान के लिए अंत्योदय योजना चलाई जा रही है। राजस्थान सरकार घुमंतू जनजातियों के लिए स्थायी निवास के लिए पट्टे वितरित कर रही है। शीघ्र ही बाड़मेर सहित अन्य स्थानों पर घुमंतू छात्रावास का निर्माण कार्य करवाया जाएगा।

कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी मूलाराम पाबड़ा ने कहा कि संघ की प्रेरणा से महादेव गुरुकुल घुमंतू छात्रावास बना है। उन्होंने कहा कि घुमंतू जातियों को 21 हजार पट्टे दिए गए। राज्य सरकार ने 25 हजार पट्टे देने की घोषणा बजट में की है। समाजसेवी बहादुरसिंह बामरला ने कहा कि घुमंतू जातियों के बच्चे बहुत मेधावी होते हैं। उन्हें बस अवसर की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल जोशी राजस्थान क्षेत्र, अखिल भारतीय अधिकारी सीमाजन कल्याण समिति नींबसिंह, सीमा जनकल्याण समिति के संगठन मंत्री स्वरूपदान आदि पदाधिकारियों समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

मंच संचालन समिति के सदस्य प्रेम सिंह राजपुरोहित व डॉ. रणवीर सिंह ने किया। जिला घुमंतू कार्य संयोजक मेघराज सिंह राजपुरोहित ने सभी का आभार व्यक्त किया। बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top