शिक्षा नगरी कुचामनसिटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से शनिवार को ऐतिहासिक विराट हिन्दू पथ संचलन निकाला गया। करीब 10 वर्षों बाद हुए पथ संचलन में करीब पांच हजार स्वयंसेवकों ने भाग लिया। स्वयंसेवकों ने संघ की पूर्ण गणवेश में कदम ताल मिलाते हुए पथ संचलन निकाला। पथ संचलन में शामिल होने वाले स्वयंसेवकों का एकत्रीकरण कृषि मण्डी में हुआ। यहां से कतार पूर्वक करीब चार बजे पथ संचलन रवाना हुआ। जो कृषि मण्डी से खाना होकर अहिंसा सर्किल डीडवाना रोड, अंबेडकर सर्किल, लायंस क्लब सर्किल, गोल प्याऊ, पलटन गेट पुरानी धान मंडी, घाटी कुआं, नया शहर, सीकर बस स्टैंड, महादेव भवन की गली होते हुए न्यू कॉलोनी, सत्संग भवन से होते हुए भोमराज का स्कूल परिसर में पहुंचा। स्वयंसेवकों ने हाथों में दंड, दिलों में राष्ट्रभक्ति का भाव संजोए सैनिकों की भांति कदम से कदम मिलाते हुए पथ संचलन में सामूहिक एकता, अनुशासन का परिचय दिया। संघ के घोष दल की मधुर ध्वनि, स्वयंसेवकों की राष्ट्रभक्ति, संगठन शक्ति और अनुशासन का दर्शन सभी को रोमांचित कर रहा था। कदम से कदम मिलाते आगे बढ़ते स्वयं सेवकों को देखने शहर की जनता सड़क के किनारे खड़ी थी। विद्यालय के खेल मैदान में हजारों की तादात में स्वयंसेवकों का महासंगम हुआ। यहां पर ध्वजारोहण के साथ
बौद्धिक उद्बोधन हुआ, जहां सांगलिया धूमी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर प्रान्त के सह प्रान्त प्रचारक राजेश कुमार ने उद्बोधन दिया। संघ के पदाधिकारियों ने अपने उद्बोधन में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा संस्कारों के निर्माण की अभिनव पद्धति है। शाखा में नियमित आने वाले प्रत्येक स्वयंसेवक का जीवन अपने आप अनुशासित हो जाता है। वह अपने से अधिक राष्ट्र को महत्व देने लगता है। शाखा में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं और उन कार्यक्रमों में भाग लेने से स्वयंसेवकों के भीतर कार्यकर्ता कर गुण विकसित होता है, मानसिक, बौद्धिक और शारीरिक रूप से दक्ष होने का हर प्रशिक्षण संघ की शाखा में होता है। इस दौरान पदाधिकारियों ने स्वयंसेवकों की ओर से किए गए देशहित के कई ऐतिहासिक कार्यों से स्वयंसेवकों को रूबरू कराया।
शहरवासियों ने बिछाए स्वागत में पलक पावड़े
पथ संचलन में शामिल स्वयंसेवकों के स्वागत में शहरवासियों ने भी पलक-पावड़े बिछा दिए, शहर में जगह-जगह पर जमकर पुष्प वर्षा हुई, करीब एक हजार किलो से भी ज्यादा पुष्प से पुष्पवर्षा की गई। लोगों में इस कदर जोश एवं उत्साह था कि शहर में बनाए गए प्रत्येक स्वागत द्वार पर बच्चे, महिलाएं एवं पुरुष पुष्प वर्षा करते नजर आए। स्वयंसेवकों के स्वागत में इस बार महिलाओं की भागीदारी भी देखी गई। सभी हिन्दू समाजों की महिलाओं ने शहर में विशेष आकर्षक रंगोली बनाकर शहर को सजाया गया।

