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23वां एनएसजी (National Security Guard) अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 2025

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23वें एनएसजी (National Security Guard) अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 2025 का उद्घाटन समारोह 7 जून 2025 को नई दिल्ली में भव्य रूप से आयोजित हुआ। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने किया। समारोह के दौरान देश-विदेश के सुरक्षा विशेषज्ञ, वरिष्ठ पुलिस और सैन्य अधिकारी, तथा विभिन्न देशों के प्रतिनिधि एकत्रित हुए, जिससे यह मंच वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद-निरोधक रणनीतियों पर विचार-विमर्श का केंद्र बन गया।

इस वर्ष के सेमिनार का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आतंकवाद, आंतरिक सुरक्षा, और बदलती सुरक्षा चुनौतियों पर गहन संवाद स्थापित करना है। एनएसजी, जिसे ‘ब्लैक कैट्स’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे प्रमुख आतंकवाद-निरोधक और विशेष बल इकाई है। हर वर्ष आयोजित होने वाले इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर सुरक्षा से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और रणनीतिकारों की भागीदारी होती है। उद्घाटन समारोह में श्री अमित शाह ने एनएसजी की उपलब्धियों, उसकी भूमिका और भविष्य की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एनएसजी ने देश को कई बार आतंकी हमलों से सुरक्षित किया है और आधुनिक तकनीक, प्रशिक्षण तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए इसकी क्षमता लगातार बढ़ रही है।

सेमिनार में विभिन्न सत्रों के दौरान आतंकवाद के बदलते स्वरूप, साइबर सुरक्षा, बायो-थ्रेट्स, शहरी आतंकवाद, और सुरक्षा बलों के बीच अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा की गई। साथ ही, उन्नत तकनीकी समाधानों, खुफिया साझेदारी और आपसी प्रशिक्षण पर भी जोर दिया गया। इस मंच पर भारत ने विश्व समुदाय को यह संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक सहयोग और तकनीकी नवाचार बेहद जरूरी हैं।

एनएसजी के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी अपने विचार साझा किए और सेमिनार में भाग लेने वाले अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के साथ अनुभवों का आदान-प्रदान किया। यह सेमिनार भारत की सुरक्षा नीति, वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ रणनीति, और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बलों के बीच सहयोग को नई दिशा देने वाला मंच बन गया है।

23वें एनएसजी अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन समारोह न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद-निरोधक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस आयोजन ने भारत की सुरक्षा रणनीति, तकनीकी दक्षता और वैश्विक नेतृत्व को और मजबूत किया है।

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