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वैचारिक स्तर पर सकारात्मकता का संदेश समाज में पहुंचे – डाॅ सदानंद दामोदर सप्रे

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वैचारिक स्तर पर सकारात्मकता का संदेश समाज में पहुंचे – डाॅ सदानंद दामोदर सप्रे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का समापन

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बीकानेर, 6 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग (प्रथम वर्ष) का समापन समारोह शनिवार को घड़सीसर मार्ग, गंगाशहर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आयोजित हुआ।
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समापन समारोह के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विश्व विभाग सहसंयोजक डाॅ सदानंद दामोदर सप्रे ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की एक शाखा को नियमित रूप से चलाने  कम से कम दस लोग पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करते हैं। देश भर में ऐसी पचास हजार शाखाएं नियमित चल रही हैं, इन शाखाओं में पांच लाख से अधिक लोग अपने जीवन का अमूल्य समय देश सेवा में लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में अखिल भारतीय स्तर के 55 से अधिक संगठन स्वयंसेवक संघ से प्रेरणा लेकर चलते हैं। इन संगठनों के माध्यम से पूरे देश में डेढ़ लाख से अधिक सेवा कार्य संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गौ सेवा एवं संर्वधन, सामाजिक समरसता और ग्राम विकास जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।

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सप्रे ने कहा कि संघ केवल हिंदुओं का संगठन नहीं है। संघ में चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह का नाम पूरे सम्मान के साथ लिया जाता है तो अशफाक उल्ला खां का नाम भी पूर्ण आदर से लिया जाता है। संघ की शाखाओं में आ पाना प्रत्येक व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता लेकिन वैचारिक स्तर पर सकारात्मकता का संदेश समाज में पहुंचे, ऐसा कार्य प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है। उन्होंने कहा जयप्रकाश नारायण का मानना था कि जब सत्य और असत्य के बीच संघर्ष चल रहा हो तो तटस्थ रहना भी अपने आप में पाप है। ऐसे में यदि हमें लग रहा है कि संघ के कारण देश का भला हो रहा है तो हमें तटस्थ न रहते हुए संघ के समर्थन में कुछ ना कुछ प्रयत्न करने चाहिए।

समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय उष्ट्र अनुंसधान केन्द्र के निदेशक डाॅ नितिन बसंतराव पाटिल ने कहा कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जा रहा है। पूरी दुनिया जोर-शोर से इसकी तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि योग सबका भला करता है। यह दुनिया के प्रत्येक मानव का कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग के संघ दृष्टिकोण के दस जिलों के 414 स्वयंसेवकों ने मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में इनका मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक राष्ट्र को माता के रूप मंे मानकर सदैव मातृभूमि की सेवा में तत्पर रहते हैं। संघ के अनुशासन तथा समर्पण का डंका पूरे विश्व में बजता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक सहज और सामान्य व्यक्ति होता है जो जरूरत पड़ने पर मातृभूमि के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर देता है।
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इससे पहले घेाष गोवर्धन रचना के साथ समापन समारोह का शुभारम्भ हुआ। ध्वज प्रणाम के पश्चात् प्रत्युत प्रचलनम्, प्रदक्षिणा संचलनम् हुआ। इसमें दंड, निःयुद्ध, योगासन, दण्ंडयुद्ध और घोष का प्रभावमयी प्रस्तुतिकरण दिया गया।  सामूहिक प्रदर्शन में प्रहार, सामूहिक समता, व्यायाम योग और सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया गया।

DSC 3172वर्ग के वर्गाधिकारी पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल गुरूजीत सिंह ढिल्लो ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ग में शिक्षार्थियों को प्रतिदिन प्रातः 4 बजे से रात्रि 10ः30 बजे तक की व्यस्त दिनचर्या के बीच अनेक प्रकार के कार्यक्रम सिखाए गए। शिक्षार्थियों को प्रतिदिन ढाई घंटे प्रातः और लगभग पौने दो घंटे सायं के समय शारीकि अभ्यास की अनेक विधाओं का प्रशिक्षण दिया गया।

राजस्थान के उत्तर-पश्चिम भाग यानि जोधपुर प्रान्त के तीन विभाग श्रीगंगानगर, बीकानेर एवं जोधपुर का यह प्रथम वर्ष का वर्ग था । इस प्रशिक्षण वर्ग में अभियन्ता, वकील, व्यापारी, कर्मचारी, किसान, मजदूर एवं महाविद्यालय, उच्च माध्यमिक तथा माध्यमिक स्तर की परीक्षा देकर आये विद्यार्थियों सहित कुल 414 स्वयंसेवक मई-जून माह की भीषण गर्मी व आँधियों कें बीच प्रशिक्षण लिया ।

इस वर्ग के साथ घोष वर्ग में 43 स्थानों से 73 शिक्षार्थी भाग ले रहें है। जिन्होंने 11 कुशल शिक्षकों के सानिध्य में घोष के विभिन्न वाद्यों का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

1 जून को आंधी-बरसात व ओलों के बीच गंगाषहर के मुख्य मार्गो से पथ संचलन निकला जो स्वयंसेवकों तथा समाज के लिए अद्भुत रोमांचकारी था। वर्ग के मध्य 6 दिनों में लगभग 3600 परिवारों द्वारा पराठे बनाकर भेजे गए तथा एक दिन बीकानेर-गंगाशहर की माता-बहनों ने अपने घरों से भोजन बनाकर सभी स्वयंसेवकों को अपने स्नेहसिक्त हाथों से भोजन कराया है, जिससे सभी स्वयंसेवक अभिभूत हुए ।

समारोप के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास जी , अखिल भारतीय गौ-सेवा प्रमुख शंकर लाल जी , बीकानेर विभाग के संघ चालक नरोत्तम व्यास जी  सहित शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, प्रशिक्षणार्थी और प्रशिक्षक मौजूद थे।

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