पृष्ठभूमि
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के दौरान भाजपा (BJP) को समर्थन देने वाले एक हिंदू परिवार पर हमले की घटना सुर्खियों में रही। इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छह कार्यकर्ताओं को हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा इन कार्यकर्ताओं को जमानत दी गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस जमानत को रद्द कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह घटना “लोकतंत्र की जड़ों पर गंभीर हमला” थी। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर ऐसे मामलों में न्याय नहीं मिलता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। कोर्ट ने आरोपियों को जमानत पर रहने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसी स्थिति में निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं होगी।
मामले की गंभीरता
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह हमला मात्र एक अपराध नहीं, बल्कि लोकतंत्र और नागरिकों के मतदान के अधिकार पर सीधा हमला था। पीड़ित परिवार ने बस अपनी राजनीतिक पसंद के कारण हिंसा का सामना किया, जो किसी भी लोकतांत्रिक देश में अस्वीकार्य है।
अगले चरण
अब आरोपी कार्यकर्ता जमानत पर रिहा नहीं होंगे और मामले की सुनवाई जेल में रहकर ही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए हैं।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला देश में लोकतंत्र, न्याय और कानून के शासन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति या समूह अपनी राजनीतिक शक्ति का दुरुपयोग करके नागरिकों के अधिकारों को नहीं छीन सकता।
लोकतंत्र की सुरक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने TMC कार्यकर्ताओं की जमानत रद्द की
- Rohitash godaraa
- June 4, 2025
- 2:20 pm

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