उत्तर प्रदेश के एक व्यस्त रेलवे स्टेशन पर उस समय भावुक दृश्य देखने को मिला, जब भारतीय सेना के एक मेजर ने अपनी सूझबूझ और प्रशिक्षण से एक गर्भवती महिला की जान बचाई और उसके नवजात शिशु को नई ज़िंदगी दी। घटना के अनुसार, ट्रेन के इंतजार में बैठी एक महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। स्टेशन पर मौजूद यात्री और रेलवे कर्मचारी घबरा गए, क्योंकि न तो वहां कोई डॉक्टर था और न ही पर्याप्त मेडिकल सुविधा।
इसी दौरान प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सेना के मेजर रोहित ने स्थिति को भांप लिया। उन्होंने तुरंत महिला के पास पहुंचकर अपनी मेडिकल ट्रेनिंग का उपयोग करते हुए सुरक्षित डिलीवरी कराई। मेजर आदित्य ने स्टेशन पर मौजूद लोगों से साफ-सफाई के लिए कपड़े और गर्म पानी मंगवाया और महिला को दिलासा देते हुए प्रसव की पूरी प्रक्रिया को संभाला। कुछ ही देर में एक स्वस्थ बच्चे का जन्म हुआ, लेकिन जन्म के तुरंत बाद बच्चा सांस नहीं ले रहा था।
मेजर ने बिना समय गंवाए नवजात को प्राथमिक उपचार (CPR) दिया, मुंह से सांस देकर और छाती को हल्के-हल्के दबाकर बच्चे की सांसें लौटाईं। उपस्थित लोग यह दृश्य देखकर भावुक हो गए और तालियों की गूंज स्टेशन पर सुनाई देने लगी। बाद में रेलवे की मेडिकल टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और मां-बच्चे दोनों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, जहां दोनों की हालत स्थिर बताई गई।
मेजर रोहित की इस मानवता और कर्तव्यनिष्ठा की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है। भारतीय सेना ने भी अपने अधिकारी के साहस और संवेदनशीलता की प्रशंसा की है। यह घटना न सिर्फ भारतीय सेना के अनुशासन और प्रशिक्षण का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सेना के जवान हर परिस्थिति में देशवासियों की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।