Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

राजस्थान तक चिनाब का जल: 200 किमी नहर और 12 सुरंगों की महत्वाकांक्षी योजना

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

राजस्थान तक चिनाब नदी का पानी पहुंचाने के लिए 200 किलोमीटर लंबी नहर और 12 सुरंगों की महत्वाकांक्षी योजना भारत की जल सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक अहम कदम है। यह परियोजना केवल राजस्थान तक पानी पहुंचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका दायरा पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बड़े हिस्से तक फैला हुआ है। इस परियोजना के तहत चिनाब नदी से प्रतिवर्ष 15 से 20 मिलियन एकड़-फीट पानी इन राज्यों तक पहुंचाने की योजना है, जिससे इन राज्यों की जल संकट की समस्या काफी हद तक हल हो सकती है।

इस परियोजना का सबसे बड़ा महत्व यह है कि यह भारत की सीमा पर स्थित पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी पर भारत का नियंत्रण बढ़ाती है। इंडस वाटर ट्रीटी (IWT) के प्रभावी रूप से निलंबित होने के बाद भारत अब चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज जैसी नदियों के पानी का अधिकतम उपयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पहले इस संधि के तहत भारत इन नदियों के पानी का सिर्फ 20% ही उपयोग कर सकता था, लेकिन अब भारत इस पानी का बेहतर उपयोग करने के लिए नए बांध, नहरें और सुरंगें बना रहा है। इसका मकसद सिर्फ पानी की आपूर्ति बढ़ाना नहीं, बल्कि देश की जल सुरक्षा और कृषि विकास को भी सुनिश्चित करना है।

इस परियोजना की सफलता से राजस्थान जैसे शुष्क राज्य को सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और कृषि उत्पादन में बड़ा बदलाव आएगा। वर्तमान में राजस्थान में भूजल का स्तर लगातार गिर रहा है और बारिश भी कम होती है। ऐसे में चिनाब नदी से पानी लाकर राज्य के बड़े हिस्से को सिंचित करने से कृषि और औद्योगिक विकास दोनों को गति मिलेगी। साथ ही, इससे भूजल के अत्यधिक दोहन को भी रोका जा सकेगा, जो पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

इस परियोजना के लिए जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों से पानी को राजस्थान तक पहुंचाने के लिए 200 किलोमीटर लंबी नहर और 12 सुरंगों का निर्माण किया जाएगा। यह मार्ग पहाड़ी और दुर्गम इलाकों से होकर गुजरेगा, जिसमें सुरंगों की मदद से पानी को आसानी से पार कराया जाएगा। इस परियोजना के लिए पहले से मौजूद नहरों और जलाशयों का भी उन्नयन किया जा रहा है, ताकि पानी की आपूर्ति सुचारु रूप से हो सके।

इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह भारत की जल सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ देश की सीमा सुरक्षा को भी बढ़ाती है। पाकिस्तान की ओर बहने वाले पानी पर भारत का नियंत्रण बढ़ने से देश की रणनीतिक स्थिति मजबूत होगी और पड़ोसी देश पर भारत का दबाव भी बढ़ेगा। यह परियोजना भारत की आत्मनिर्भरता और सामरिक दृढ़ता का भी प्रतीक है।

इस परियोजना के क्रियान्वयन में कई चुनौतियां भी हैं, जैसे पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में नहर और सुरंगों का निर्माण, पर्यावरणीय प्रभाव, अंतरराज्यीय सहमति और परियोजना की बड़ी लागत। लेकिन सरकार ने इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है और सभी संबंधित राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।

इस तरह, चिनाब नदी से राजस्थान तक पानी पहुंचाने की यह योजना न सिर्फ राजस्थान की जल समस्या को हल करेगी, बल्कि पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को भी लाभ पहुंचाएगी। यह परियोजना भारत की जल सुरक्षा, कृषि विकास, औद्योगिक विकास और सामरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिसका असर दशकों तक देखने को मिलेगा।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top