भारत और अमेरिका के बीच बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद, निष्पक्ष और संतुलित (Fair, Equitable & Balanced) होगा। उन्होंने कहा कि भारत इस बार किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएगा और अमेरिका को भी यह समझना होगा कि ‘ट्रेड’ में भारत की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
पीयूष गोयल ने अपने बयान में कहा, “भारत और अमेरिका ने आपसी सहमति से एक ऐसा व्यापार समझौता करने का फैसला किया है, जो दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए लाभकारी हो। हम ऐसी डील चाहते हैं, जिसमें भारत के हितों की पूरी सुरक्षा हो, और कोई भी पक्ष अनुचित दबाव न बना सके।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत इस बार ‘कड़ी सौदेबाजी’ (bargain hard) करने के मूड में है और किसी भी दबाव या धमकी का असर नहीं होगा।
सूत्रों के मुताबिक, भारत कृषि, टेक्सटाइल, आईटी, फार्मा, और सर्विस सेक्टर में अपने हितों को पूरी मजबूती से रख रहा है। वहीं, अमेरिका की कोशिश है कि उसे भारत के बाजार में अधिक पहुंच मिले, खासकर कृषि उत्पादों और मेडिकल डिवाइसेज के लिए। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने किसानों, छोटे उद्योगों और घरेलू बाजार के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
पीयूष गोयल के इस बयान को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी एक स्पष्ट संदेश माना जा रहा है कि भारत अब ‘ट्रेड’ के मामले में किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था और बाजार की ताकत को देखते हुए, अमेरिका को भी अब भारत के साथ ‘बराबरी’ के आधार पर डील करनी होगी।
यह संकेत देता है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता और भी रोचक और चुनौतीपूर्ण हो सकती है, जहां भारत अपने हितों की रक्षा के लिए पूरी ताकत से सौदेबाजी करेगा।