2025 में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी को कहा था, “हमने आपके मुँह से निवाला छीन लिया है, आपको मौका फिर मिलेगा।” यह बयान उस समय आया जब भारतीय नौसेना ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कराची बंदरगाह और अन्य लक्ष्यों पर सटीक हमले करने के लिए पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन नौसेना को कराची पर हमले से रोक दिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने यह फैसला रणनीतिक कारणों से लिया था, हालांकि उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों को व्यापक अधिकार दिए कि वे आतंकवादियों और दुश्मन ठिकानों पर जबरदस्त कार्रवाई करें।
नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी ने भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना बल अरब सागर में चुनिंदा समुद्री और तटीय लक्ष्यों पर हमले के लिए पूरी तरह सक्षम और अलर्ट थे। नौसेना ने एयर कैरियर समूह की मदद से आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर मिसाइल फायरिंग सहित कई प्रकार की सामरिक कार्रवाइयाँ कीं, जिसके कारण पाकिस्तान की नौसैनिक इकाइयाँ रक्षात्मक स्थिति में आ गई थीं। तनाव के दौरान भारतीय नौसेना ने समुद्री क्षेत्र में पूरी सतर्कता बनाए रखी और पाकिस्तानी समुद्री गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी।
अरब सागर में भारतीय नौसेना ने अपने स्पेशल इकोनॉमिक जोन्स में युद्धाभ्यास बढ़ा दिए हैं और लाइव फायरिंग ड्रिल्स कर क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाया है। ये अभ्यास पोर्टबंदर के पास आयोजित किए गए, जिनमें एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट फायरिंग शामिल हैं। नौसेना के जहाज गुजरात के तट के नजदीकी अग्रिम क्षेत्र में तैनात हैं, जिससे किसी भी अप्रत्याशित खतरे का तुरंत सामना किया जा सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ पांच मई 2025 को बैठक की थी, जिसमें उन्होंने सेना, नौसेना और वायुसेना को आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों का सीमाहीन जवाब देने और सशक्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। हालांकि नौसेना को कराची पर हमले से एक सीमा तक रोक दिया गया था, लेकिन इस बात का विश्वास दिलाया गया कि भविष्य में “अवसर” उपलब्ध होने पर कार्रवाई की अनुमति दी जाएगी।
इस दौरान भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के समुद्री सशस्त्र बलों के मिसाइल परीक्षणों को भी बारीकी से मॉनिटर किया और अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं आने दी। पाकिस्तानी सैन्य और नौसैनिक ठिकानों के खिलाफ की गई सटीक कार्रवाइयों ने भारत की सैन्य क्षमता और रणनीतिक निर्णयों की काबिलियत को उजागर किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान और नौसेना की सक्रियता यह स्पष्ट करता है कि भारत अपनी समुद्री सीमाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में पूरी तरह सजग और निर्णायक है। कराची बंदरगाह जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को लक्ष्य बनाने की क्षमता भारतीय नौसेना के मजबूत और आधुनिक हथियारों तथा रणनीति की मिसाल है। हालांकि तत्काल हमले को टाल दिया गया, लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि भारतीय नौसेना को भविष्य में कराची पर हमला करने का पूरा अवसर मिलेगा जब ज़रूरत होगी।
पीएम मोदी ने नौसेना प्रमुख से कहा: “कराची पर हमले का मौका मिलेगा”—अरब सागर में नौसेना की बड़ी तैनाती
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Mayank Kansara
- 13 August 2025
- 10:34 am