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पहला EU-भारत रणनीतिक संवाद: जयशंकर का सख्त संदेश—’पाकिस्तान नहीं, टेररिस्तान!’ रक्षा, एआई, अंतरिक्ष और FTA पर गहन चर्चा

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ब्रुसेल्स में भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच पहला रणनीतिक संवाद ऐतिहासिक रहा, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और EU की हाई रिप्रेजेंटेटिव काजा कैलास ने द्विपक्षीय संबंधों, वैश्विक चुनौतियों और सुरक्षा सहयोग पर विस्तार से चर्चा की। इस संवाद में दोनों पक्षों ने आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, हाइब्रिड थ्रेट्स, समुद्री सुरक्षा, अंतरिक्ष और रक्षा उद्योग सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर सहमति जताई। दोनों ने वैश्विक शांति, स्थिरता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

जयशंकर ने मीडिया के सामने पाकिस्तान को लेकर कड़ा रुख अपनाया और कहा, “यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा नहीं, बल्कि ‘भारत बनाम टेररिस्तान’ है।” उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर देते हुए EU से आग्रह किया कि वह इस संघर्ष को दो देशों के विवाद के बजाय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के रूप में देखे। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग जरूरी है।

संवाद के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर भी चर्चा की। भारत और EU ने अंतरिक्ष क्षेत्र में औपचारिक संवाद शुरू करने का निर्णय लिया, जिसकी पहली बैठक 2025 के अंतिम तिमाही में होगी। साथ ही, दोनों पक्षों ने व्यापार, तकनीक, कनेक्टिविटी और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

EU ने भी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया। काजा कैलास ने कहा कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा का पूरा अधिकार है और EU भारत के साथ खड़ा है।

यह संवाद भारत-EU संबंधों में एक नया अध्याय है, जो रक्षा, तकनीक, अंतरिक्ष और वैश्विक सुरक्षा में गहरे सहयोग की नींव रखता है।

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