Vishwa Samvad Kendra Jodhpur

ईरान संकट पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान की ऐतिहासिक वार्ता: क्षेत्रीय शांति में भारत की निर्णायक भूमिका

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email

पश्चिम एशिया में चल रहे तनाव और अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है। इसी पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के बीच लगभग 45 मिनट तक चली फोन वार्ता ने वैश्विक कूटनीति में भारत की भूमिका को और मजबूत कर दिया है। यह बातचीत ऐसे समय पर हुई जब पूरी दुनिया पश्चिम एशिया में बढ़ती अस्थिरता और युद्ध की आशंका से चिंतित है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान के साथ मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम और उसके प्रभावों को लेकर गहन विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान गहरी चिंता जताई और दोहराया कि तनाव कम करना, संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देना ही इस संकट का एकमात्र समाधान है। उन्होंने क्षेत्र में जल्द से जल्द शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट रूप से रखा।


ईरानी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और भारत की संतुलित विदेश नीति, शांति की अपील और कूटनीतिक प्रयासों के लिए विशेष आभार जताया। उन्होंने भारत को क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का सच्चा मित्र और साझेदार बताया। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने यह भी स्वीकार किया कि इस संकट की घड़ी में भारत की आवाज़ और भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की पहल को गंभीरता से ले रहा है।

भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया के जटिल समीकरणों में संतुलन, संवाद और जिम्मेदारी की नीति अपनाई है। मौजूदा संकट में भी भारत ने किसी पक्ष का समर्थन करने के बजाय शांति, संवाद और कूटनीति को ही एकमात्र रास्ता बताया है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान की यह बातचीत दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को नई ऊंचाई देती है, साथ ही भारत की वैश्विक कूटनीतिक छवि को भी सशक्त बनाती है।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि भारत आज विश्व मंच पर संतुलन, जिम्मेदारी और शांति की मिसाल बन चुका है। संकट की घड़ी में भारत की आवाज़ को जो सम्मान और महत्व मिल रहा है, वह देश की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय साख और कूटनीतिक परिपक्वता का प्रमाण है।

Facebook
Twitter
LinkedIn
Telegram
WhatsApp
Email
Archives
Scroll to Top