2025 में जकार्ता में हुई ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की संसदीय यूनियन बैठक में पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ कड़े शब्दों वाले प्रस्ताव को शामिल कराने की कोशिश की। लेकिन इंडोनेशिया, मिस्र और बहरीन ने मिलकर पाकिस्तान की इस कोशिश को विफल कर दिया। बैठक के दस्तावेज़ में फिलिस्तीन और गाज़ा के हालात पर तो कड़ी टिप्पणी की गई, लेकिन भारत के खिलाफ आलोचना काफी हल्की रही।
इंडोनेशिया ने भारत के क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में अपनी पुरानी नीति दोहराई, जबकि मिस्र और बहरीन ने भी भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दी। पाकिस्तान ने अपने देश में झूठा दावा किया कि उसे भारत के खिलाफ बड़ी कूटनीतिक जीत मिली, जबकि असलियत में उसे OIC में बड़ा झटका लगा।
इंडोनेशिया ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि वह भारत-पाकिस्तान सहित सभी विवादों में शांति और संवाद के पक्षधर हैं, न कि किसी एक पक्ष के समर्थन में।
पाकिस्तान की भारत विरोधी कोशिश को OIC में इस बार इंडोनेशिया, मिस्र और बहरीन ने न सिर्फ रोका, बल्कि भारत के लिए कूटनीतिक जीत भी सुनिश्चित की। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्थिति और मजबूत हुई है।