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अमेरिका ने इज़राइल के साथ मिलकर ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बमबारी की: पश्चिम एशिया में युद्ध का नया मोड़

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अमेरिका ने इज़राइल के साथ मिलकर ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों—फोर्दो, नतांज और इस्फहान—पर भीषण हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इन ठिकानों पर पूरी तरह बमबारी की गई और सभी अमेरिकी विमान सुरक्षित रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल आए हैं। ट्रंप ने इसे “ऐतिहासिक सैन्य सफलता” बताया और कहा कि अब ईरान को युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार होना चाहिए।

इन हमलों का मुख्य उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को पूरी तरह नष्ट करना और उसके परमाणु कार्यक्रम को रोकना था। अमेरिकी वायुसेना ने फोर्दो जैसे गहरे भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और 30,000 पाउंड वजनी ‘मासिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर’ बमों का इस्तेमाल किया। नतांज और इस्फहान पर टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलें भी दागी गईं।

यह हमला ऐसे समय हुआ है जब इज़राइल-ईरान युद्ध अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर चुका है और दोनों ओर से मिसाइल व ड्रोन हमले जारी हैं। इज़राइल ने बीते दिनों ईरान के सैन्य नेतृत्व और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े कई ठिकानों पर हमले किए थे, लेकिन फोर्दो जैसी गहराई में स्थित साइट को नष्ट करने की क्षमता केवल अमेरिका के पास थी।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने इन हमलों पर गहरी चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि यदि ईरान के किसी वाणिज्यिक परमाणु संयंत्र, विशेषकर बुशहर, पर हमला होता है तो इससे गंभीर रेडियोधर्मी खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि, अब तक इज़राइल और अमेरिका ने केवल सैन्य और परमाणु संवर्धन से जुड़े ठिकानों को ही निशाना बनाया है।

ईरान की ओर से इन हमलों पर तत्काल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन क्षेत्रीय तनाव और बढ़ने की आशंका है, क्योंकि यह हमला पश्चिम एशिया में युद्ध को और व्यापक बना सकता है।

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