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संगम का विहंगम दृश्य |
पाली २२ फ़रवरी २०१६। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पाली द्वारा कल रविवार को त्रिधारा पथ संचलन व विराट हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम को लेकर शहर मे पिछले कई दिनो से जोर शोर से तैयारीया चल रही थी तथा कार्यक्रम को लेकर समाज के सभी वर्गो मे जबरदस्त उत्साह दिखा।
स्वामी महेश्वरानंद ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुये कहा कि आज का दिन
देशभक्ति, धर्मरक्षा आदि के लिए शुभ है। वेदों में कहा गया है धर्मो
रक्षित रक्षितः। धर्म एक होता आदि अनादिकाल से।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख जसवन्त जी खत्री ने अपने उध्बोधन में कि दुनिया मे दो संस्कृति के लोग है, एक वो जो कहते है कि जो हम कहे, जो हम पहने, जो हमारी परम्परी है, बस वो ही सही है बाकि सब गलत है और जो उसका विरोध करेगा तो उसके जीने के अधिकार को समाप्त कर देगे, वर्तमान मे आतंकवाद की समस्या इसी विचाराधार पर आधारित है । उन्होने बताया कि भगवान राम के पुत्र लव का लाहौर आज आंतकवाद का गढ बना हुआ है। वर्तमान समय मे दो ही समस्याए है एक तो आतंकवाद और दुसरा प्राकृतिक प्रदुषण। हमें आतंकवाद से अपने को बचाना हैं और प्रकृति की रक्षा करनी है। कण कण में
भगवान हैं जिस विचार में सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे
भद्राणि पश्यन्तु मां कश्चिद् दुःख भाग भवेत। यह सही है। नारी शक्ति का
सम्मान करो।
जसवन्त जी खत्री ने अपने सम्बोधन में बताया कि हिन्दुस्तान ज्ञान का केन्द्र है पुरातन समय में भी यहां अध्ययन करने के
लिए बाहर से छात्र आते थे। भारत की प्राचीनता, अखंडता, ज्ञान, शक्ति अपार
थी। यहां के राजा भगवान शिव की आराधना करते थे फिर जाकर युद्ध के मैदान में
लड़ाई लड़ते थे। ऐसा था हमारा भारत। भारत दुनियां का प्राचीन देश है ।
त्रिवेणी संगम में ३ धाराएं थी। प्रथम धारा “शक्ति” चीमा बाई स्कूल से रवाना होकर आशीर्वाद बालाजी , इंद्रा कॉलोनी चौराहा , भूरि स्कूल, शिवजी चौराहा , सीरवी छात्रावास श्रीयादे मंदिर द्वितीय “धारा” भक्ति बालिया स्कूल से
रवाना होकर डागाजी की मूर्ति, ओबीसी बैंक के पीछे, खटीकों का बास, गजानंद
मार्ग, बादशाह का झंडा, सर्राफा बाजार, गुलजार चौक, पुरानी सब्जी मंडी
सोमनाथ मंदिर और तीसरी धारा “समरसता” रजत नगर से रवाना होकर बाबा रामदेव
मंदिर, गांधी कॉलोनी, पीठ का बास शनि मंदिर, सिंधी कॉलोनी तिराहा, पानी
दरवाजा, भैरुघाट, भीलों का बास श्रीनाथ स्वीट्स होते हुए सूरज पोल पहुंची. पथ संचलन संगम स्थल से अहिंसा सर्कल, कलेक्ट्रेट रोड होते हुए बांगड़ स्कूल मैदान पहुंचा।
काफी उत्साह नजर आया। जहां से भी पथ संचलन निकला नागरिकों ने वंदे मातरम
एवं भारत माता के जयकारों से उनका स्वागत किया। लयबद्ध घोष वादन की मधुर
धुनों के साथ निकले पथ संचलन से एक बारगी पूरा शहर रोमांचित हो गया।
बनाए गए थे। घोष वादकों ने बिगुल ड्रम के साथ श्रीराम अजय धुन बजाकर सभी
को अपनी ओर आकर्षित किया। कई जगहों पर लोगों ने करतल ध्वनि से घोष वादकों
का स्वागत किया।