जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच इंडस वाटर ट्रीटी (IWT) के “अस्थायी निलंबन” के बाद वुलर झील पर रुके हुए तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट को फिर से शुरू करने की वकालत की।
उमर अब्दुल्ला का कहना है कि इस परियोजना से झेलम नदी में नेविगेशन, बिजली उत्पादन और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, खासकर सर्दियों में।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी ने उमर के बयान को “गैर-जिम्मेदाराना” और “खतरनाक रूप से भड़काऊ” बताया। उनका कहना है कि ऐसे वक्त में, जब दोनों देश युद्ध के कगार से लौटे हैं और कश्मीर घाटी पहले ही भारी नुकसान झेल रही है, इस मुद्दे को उठाना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नुकसानदेह है।
पीडीपी ने चेतावनी दी कि तुलबुल प्रोजेक्ट या IWT जैसे विवादित मुद्दों को उठाना सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए खतरा बढ़ा सकता है और भारत के हितों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
तुलबुल प्रोजेक्ट को लेकर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के बीच तीखी राजनीतिक भिड़ंत हो गई है। एक ओर इसे कश्मीर के विकास और भारत के रणनीतिक हितों से जोड़ा जा रहा है, तो दूसरी ओर इसे क्षेत्रीय अस्थिरता और आम लोगों के लिए खतरा बताया जा रहा है।
Tulbul Project: राजनीति में टकराव और विवाद
- Mayank Kansara
- May 18, 2025
- 6:17 pm

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