जोधपुर, 6 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ शताब्दी वर्ष (विजयादशमी 2025 से विजयादशमी 2026) के कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा संपन्न हुई। बैठक के पहले और दूसरे दिन विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने कार्यों और योजनाओं का विवरण प्रस्तुत किया।
सक्षम का अनूठा प्रयोग : नेत्र कुंभ
समदृष्टि, क्षमताविकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) ने रामदेवरा में 1 अगस्त से 2 सितंबर तक आयोजित मेले में “नेत्र कुंभ” का आयोजन किया। 33 दिनों तक चले इस महाअभियान में 1,00,797 लाभार्थियों की नेत्र जांच की गई, जिनमें से 85,337 को चश्मे वितरित किए गए। साथ ही, 6,234 रोगियों को ऑपरेशन हेतु चिन्हित किया गया। यह प्रयोग पहली बार सीमा क्षेत्र में हुआ और इसे स्थानीय जनता व देशभर से आए श्रद्धालुओं ने सराहा।
नशा उन्मूलन से लेकर एनीमिया मुक्त भारत तक
बैठक में विश्व हिंदू परिषद ने समाज में नशे और उसके दुष्प्रभावों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे जनजागरण अभियानों की जानकारी दी। वहीं, भारत विकास परिषद द्वारा चलाए जा रहे एनीमिया मुक्त भारत अभियान पर भी चर्चा हुई।
महिलाओं और किसानों की सहभागिता
महिला समन्वय ने समाज जीवन में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए आयोजित गतिविधियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का विवरण साझा किया। भारतीय किसान संघ ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को रासायनिक खेती से हटकर प्राकृतिक पद्धतियों को अपनाने हेतु प्रेरित करने की योजनाओं पर प्रकाश डाला।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास
स्वदेशी जागरण मंच ने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने और आर्थिक आत्मनिर्भरता व समृद्धि के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने हेतु दुग्ध संघ और सहकारिता के महत्व पर भी विचार-विमर्श हुआ।
बैठक स्थल पर विशेष व्यवस्थाएँ
बैठक के दौरान भोजन व जलपान की व्यवस्था नगर के शाखा कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों द्वारा की गई। परिसर की सज्जा में रंगोली, पौधों और सांस्कृतिक प्रतीकों का उपयोग किया गया। पर्यावरण और संस्कृति की दृष्टि से भोजन व जलपान के लिए धातु के पात्रों का ही उपयोग किया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि संघ शताब्दी वर्ष के कार्यक्रम समाज जीवन में व्यापक सहभागिता सुनिश्चित करेंगे।