संघ शताब्दी, पंच परिवर्तन और शिक्षा नीति रहे चर्चा के केंद्र
जोधपुर, 5 सितंबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं संघ प्रेरित संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक का शुभारंभ आज जोधपुर में हुआ। प.पू. सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और मा. सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन कर तीन दिवसीय बैठक (5–7 सितम्बर) का उद्घाटन किया।

बैठक की शुरुआत संगठन मंत्र के सामूहिक वाचन से हुई, जिसके पश्चात् विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नये प्रयोगों और कार्यों का निवेदन प्रस्तुत किया। इस बैठक में कुल 32 संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारी उपस्थित हैं।
बैठक में प्रमुख रूप से संघ के सभी 6 सहसरकार्यवाह, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन मंत्री मिलिंद परांडे, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का व प्रमुख कार्यवाहिका ए. सीता गायत्री, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही व संगठन मंत्री आशीष चौहान, सक्षम के अध्यक्ष डॉ. दयाल सिंह पवार, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष ले. जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा व संगठन मंत्री बी.एल. संतोष, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह व संगठन मंत्री अतुल जोग, तथा सीमा जागरण मंच के संयोजक मुरलीधर सहित कई संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित हैं।

बैठक परिसर को ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक प्रतीकों से सजाया गया है। सभागार में प्रवेश रानी अबक्का द्वार और हल्दीघाटी द्वार के माध्यम से किया जा रहा है, जो 500 वर्ष पूर्व औपनिवेशिक शक्तियों व आक्रांताओं के विरुद्ध भारतीय महिलाओं और वीरों के संघर्ष की स्मृति को दर्शाता है। साथ ही भक्तिमति मीरा बाई और खेजड़ली के पर्यावरण बलिदान की प्रतीक अमृता देवी की रंगोली ने भी आकर्षण बढ़ाया है।
बैठक में इस वर्ष किए गए कार्यों का अनुभव साझा करने के साथ-साथ आने वाले वर्षों के लिए दिशा-निर्धारण किया जाएगा। मुख्य विषयों में पंच परिवर्तन (सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्व आधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन), संघ शताब्दी वर्ष की योजनाएँ तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विशेष चर्चा होगी। यह अखिल भारतीय समन्वय बैठक 7 सितंबर को समापन सत्र के साथ समाप्त होगी।