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“ऑपरेशन सिंदूर” से भारत के आत्मबल,आत्मनिर्भरता और वैश्विक स्वीकार्यता को मिली नई ऊर्जा

ऑपरेशन सिंदूर” से भारत के आत्मबल को कई मायनों में बहुत ताकत मिली है।
ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि नया भारत अब आतंकवादी हमलों का जवाब केवल कूटनीतिक बयानों तक सीमित नहीं रखेगा, बल्कि अपनी सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए निर्णायक ओर कठोरतम प्रतिक्रिया भी देगा।

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के जवाब में 7 मई 2025 को यह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था।

भारत का हमेशा सिद्धांत रहा है कि युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए और एक सीमित उद्देश्य के लिए होना चाहिए और जब उद्देश्य की प्राप्ति हो जाये तो सम्मानजनक समझौता करके युद्ध से बाहर निकल आना चाहिए

पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह भारत की दृढ़ता का प्रमाण है। इस ऑपरेशन में भारत ने अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया।

पाकिस्तान और PoK में स्थित केवल उन आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाना जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई जाती थी और आतंकियों को भेजा जाता था,यह भारत की संतुलित एवं संयमित प्रतिक्रिया का श्रेष्ठ उदाहरण है।
भारत की इस कार्रवाई को व्यापक अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला है, जिसमें ब्रिटेन, इजरायल, रूस, जापान और जर्मनी जैसे देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया है। इस ऑपरेशन ने वैश्विक मंच पर भारत की छवि को एक ऐसे देश के रूप में मजबूत किया है जो आतंकवाद से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम है।

भारत ने कूटनीतिक एवं परमाणु धमकियों को नजरअंदाज करते हुए नई नीति को स्थापित किया है,जिससे भारत का आत्मबल और आत्मविश्वास बढ़ा है कि वह अपनी शर्तों पर कार्रवाई कर सकता है।

इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शन रहा स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अपनी स्वदेशी रक्षा प्रणालियों, जैसे ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश मिसाइल और उन्नत ड्रोन तकनीकों का प्रभावी ढंग से सटीकता से उपयोग किया। अमेरिकी सैन्य विशेषज्ञ जॉन स्पेंसर कई अन्य विशेषज्ञों ने इस ऑपरेशन में भारत की तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता की प्रशंसा की है। यह “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” पहलों की सफलता का प्रमाण है, जिसने देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद की है।

भारत ने हथियार बिक्री के वैश्विक बाजार में मजबूती से कदम रखा है। विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम करते हुए भारत अब आर्मेनिया,फ्रांस, यूएई, नीदरलैंड, फिलीपींस, श्रीलंका, सऊदी अरब
सहित कई देशों को स्वदेश निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल, डोर्नियर-228 विमान, आर्टिलरी गन, रडार, आकाश मिसाइल, पिनाका रॉकेट, बख्तरबंद वाहन, सैन्य उपयोग के हेलमेट, बुलेटप्रूफ जैकेट इत्यादि सुरक्षा एवं युद्धक हथियार बेच रहा है।यह आत्मनिर्भरता का उत्तम उदाहरण है।

सशस्त्र बलों के अद्भुत पराक्रम से राष्ट्रीय संकल्प को और मजबूती मिली है।सेना के शौर्य ने देश को गौरवान्वित किया है।

संक्षेप में, ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को एक मजबूत, आत्मनिर्भर और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने वाले राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है, जिससे देश के आत्मबल और वैश्विक प्रतिष्ठा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

:- संजय श्रीश्रीमाल

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