जोधपुर संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर (एमडीएम) अस्पताल के एक MRI सेंटर में सोमवार रात एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक महिला मरीज का वीडियो चुपचाप रिकॉर्ड करने के आरोप में एक निजी सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पावटा सर्कल के पास हाथियों की बावड़ी निवासी रहीमुद्दीन अक्टूबर में एमआरआइ सेंटर में कम्पनी के मार्फत बतौर गार्ड पर लगा था। सात महीने से वह सेंटर में गार्ड है। उसका सेंटर के चेंज रूम के अंदर तक आना जाना था। महिलाओं के चेंज रूम में जाने से पहले वह वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन कर मोबाइल छिपा देता था।
उसने दवाइयों के एक कार्टन में हॉल (छेद) कर रखा था। जिसमें मोबाइल रखने के बाद वह किसी महिला मरीज के आने पर पहले ही चेंज रूम में एक अलमारी के ऊपर रख देता था।
इस बीच, सोमवार देर रात एक महिला एमआरआइ करने से पहले कपड़े बदलने के लिए चेंज रूम में गई। वहां अंधेरा था। अलमारी पर रखे कार्टन से लाइट निकल रही थी। इससे महिला को संदेह हो गया था। उसने कार्टन उतारा तो वीडियो रिकॉर्डिंग ऑन मोड पर मोबाइल नजर आ गया था। महिला ने तुरंत शोर मचाया, जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारी और पुलिस मौके पर पहुंचे। पुलिस जांच में पता चला कि मोबाइल फोन अस्पताल में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड रहीमुद्दीन अब्बासी का था। उसने कथित तौर पर चेंजिंग रूम में फोन को इस तरह छिपाया था कि वहां आने वाली महिलाओं के कपड़े बदलने की रिकॉर्डिंग हो सके। रहीमुद्दीन को तुरंत हिरासत में लिया गया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354सी (वॉयरिज्म) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
पूछताछ के दौरान, रहीमुद्दीन ने कथित तौर पर कहा कि उसने यह हरकत टीवी शो “क्राइम पेट्रोल” से प्रेरित होकर की। उसने दावा किया कि शो में दिखाए गए अपराधों को देखकर उसे चेंजिंग रूम में कैमरा लगाने का विचार आया। पुलिस इस दावे की सत्यता की जांच कर रही है और यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसने पहले भी इस तरह की हरकत की थी और कितनी अन्य महिलाओं के वीडियो रिकॉर्ड किए गए हो सकते हैं।
पुलिस और अस्पताल की कार्रवाई पुलिस ने रहीमुद्दीन के मोबाइल फोन को जब्त कर लिया है और उसकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसमें अन्य आपत्तिजनक सामग्री तो नहीं है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या इन वीडियो को कहीं और साझा किया गया या इसका दुरुपयोग हुआ। जोधपुर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अस्पताल प्रशासन ने भी इस घटना की निंदा की है और आंतरिक जांच शुरू करने की बात कही है। एमडीएम अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। साथ ही, मरीजों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जाएंगे।
पुलिस ने आरोपी को तुरंत हिरासत में लेकर शास्त्री नगर थाने भेज दिया। महिला के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय घटी जब उनकी बहन MRI के लिए कपड़े बदल रही थी। पुलिस ने प्राथमिक तौर पर आरोपी के खिलाफ शांति भंग की धारा में गिरफ्तारी की है। वहीं, उसका मोबाइल भी जब्त कर लिया गया है और डिजिटल साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जांच पूरी होने के बाद आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की सख्त धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने घटना की निंदा करते हुए कहा है कि वे संबंधित एजेंसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेंगे। यह घटना न केवल मरीजों की निजता पर हमला है, बल्कि यह अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी तमाचा है, जहां पर सुरक्षा गॉर्ड ही शिकार करने में लगे हैं।