हाल के दिनों में बंगलुरू,इंदौर,मुजफ्फरनगर,आगरा सहित देश के विभिन्न स्थानों पर कुछ ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जहाँ “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाकर लोगों की भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई है। ये नारे न केवल आपत्तिजनक हैं, बल्कि ये एक गहरी साज़िश हैं जिसका उद्देश्य समाज में अशांति फैलाना और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़कर देश को गंभीर खतरे में डालना है।अब तो ये भड़काऊ घटनाएं योजनाबद्ध तरीके से छोटे छोटे कस्बों,गांवों तक भी फैलाई जा रही है,जिससे इन छोटे गांवों का सौहार्दपूर्ण वातावरण खराब कर,समुदायों में वैमनस्य फैलाकर दंगे करवाए जाए और देश की सुरक्षा को क्षति पहुंचाई जाए।
जालौर जिले के रामसीन गांव में हाल ही में घटित घटना की गंभीरता को इस संदर्भ में देखा जाना चाहिए कि बिना किसी उत्तेजना के “पाकिस्तान जिंदाबाद” के नारे लगाकर असामाजिक तत्वों द्वारा समाज में भय का वातावरण निर्मित किया गया है, जो अत्यंत चिंताजनक है।
भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है जहाँ प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है; परंतु यह स्वतंत्रता राष्ट्रीय एकता व अखंडता को क्षति पहुँचाने की अनुमति नहीं देती। “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारे प्रत्यक्ष रूप से देशद्रोह हैं और आतंकवाद व अलगाववाद को बढ़ावा देते हैं। इनका प्रयोग अक्सर ऐसे तत्व करते हैं जो राजनीतिक लाभ अथवा सामाजिक अशांति फैलाकर साम्प्रदायिक सौहार्द को भंग करना चाहते हैं, क्योंकि ऐसे नारे तत्काल साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करते हैं, एक समुदाय को दूसरे के विरुद्ध भड़काते हैं और समाज में दरार पैदा करते हैं। इनके विरोध में होने वाले प्रदर्शन व झड़पें कानून-व्यवस्था को बाधित करती हैं। असामाजिक तत्व इन घटनाओं का लाभ उठाकर अल्पसंख्यकों में भय व भ्रम फैलाकर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास करते हैं।
इन नारों को केवल कुछ लोगों का भावनात्मक आवेश मानना एक बड़ी भूल होगी। इसके पीछे एक सुनियोजित रणनीति कार्य कर रही है।देश का माहौल खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से कुछ असामाजिक तत्व युवाओं को गुमराह करके उनको भड़का के उन्हें राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल करने के प्रयास करते रहते हैं।
पाकिस्तान समर्थक नारे लगाना, भारत के करोड़ों देशभक्त नागरिकों की भावनाओं को गहरा आघात पहुँचाता है। भारत की शक्ति उसकी विविधता और सामाजिक समरसता में निहित है; अतः राष्ट्रीय एकता को कमज़ोर करने वाली किसी भी गतिविधि को कुचलना आवश्यक है। आतंकवादी गतिविधियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं, जिससे जन-धन की क्षति के साथ-साथ भय और अस्थिरता का माहौल बनता है। “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे नारों का प्रयोग करने वाली आतंकवादी विचारधारा का उन्मूलन भारत की अखंडता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि वह संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखे और ऐसी किसी भी सूचना को तुरंत प्रशासन और खुफिया एजेंसियों तक पहुँचाए।
आतंकवाद का मुकाबला करना केवल सरकारी तंत्र या सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी नहीं है, अपितु यह समस्त समाज का साझा दायित्व है। एक जागरूक, उत्तरदायी और समर्पित नागरिक आतंकवाद के विरुद्ध सबसे प्रभावी सुरक्षा कवच है। राष्ट्र की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है, जिसे पूर्ण निष्ठा से पालन करना चाहिए ।।